गाला प्रिसिजन इंजीनियरिंग (Gala Precision Engineering Ltd.) IPO के जरिए 167.93 करोड़ रुपये जुटाने जा रही है. कंपनी का IPO आज यानी 2 सितंबर से खुल गया है. इसमें 135.34 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 32.59 करोड़ रुपये का OFS शामिल है.
इसका प्राइस बैंड 10 रुपये के फेस वैल्यू पर 503-529 रुपये/शेयर तय किया है. IPO का इश्यू 4 सितंबर को बंद होगा. NDTV Profit की कैलकुलेशन के मुताबिक, अपर प्राइस बैंड पर कंपनी का मार्केट कैप 670 करोड़ रुपये है.
रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए न्यूनतम लॉट साइट 28 शेयरों का है, जिसके लिए निवेशकों को 14,084 से 14, 812 रुपये का निवेश करना होगा.
IPO खुला - 2 सितंबर
IPO बंद - 4 सितंबर
प्राइस बैंड - ₹503-529/शेयर
इश्यू साइज - ₹167.93 करोड़
फ्रेश इश्यू - ₹135.34 करोड़
ऑफर फॉर सेल - ₹32.59 करोड़
लॉट साइज - 28 शेयर
लिस्टिंग - BSE और NSE
कंपनी IPO से मिले फंड का इस्तेमाल तमिलनाडु के वल्लम-वडागल में हेक्स बोल्ट और हाई-टेंसाइल फास्टनर्स के निर्माण के लिए एक नया प्लांट लगाने में करेगी.
इसके अलावा कुछ पैसों का इस्तेमाल महाराष्ट्र के पालघर के वाडा में मशीनरी, प्लांट में और उपकरण खरीदने में किया जाएगा.
अतिरिक्त पैसों का उपयोग कंपनी उधार चुकाने या सामान्य कॉरपोरेट खर्चों को पूरा करने में करेगी.
गाला प्रिसिजन इंजीनियरिंग की स्थापना 2009 में हुई थी. कंपनी महाराष्ट्र के पालघर जिले में स्थित वाडा में 2 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स का संचालन करती है.
कंपनी डिस्क और स्ट्रिप स्पिंग्स (DSS), कॉइल और स्पाइरल स्प्रिंग्स (CSS) और स्पेशल फास्टनिंग सॉल्यूशन (SFS) बनाती है.
कंपनी के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल विंड टर्बाइन और हाइड्रो पावर प्लांट्स और रीन्युएबल एनर्जी जैसे सेक्टर्स में किया जाता है.
इसके अलावा इलेक्ट्रिक और ऑफ-हाइवे उपकरण; इंफ्रास्ट्रक्चर और जेनरल इंजीनियरिंग; मोटर व्हीकल्स और रेलवे जैसे सेगमेंट में भी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल किए जाते हैं.
अंतराष्ट्रीय स्तर पर कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को डेनमार्क, चीन, इटली, ब्राजील, अमेरिका, स्वीडन और स्विट्जरलैंड सहित 25 देशों में एक्सपोर्ट करती है. 31 मार्च 2024 तक कुल बिक्री में इसका योगदान 37.53% रहा.
कंपनी के टॉप 10 कस्टमर्स का रेवेन्यू में कुल 47.48% का योगदान है, ऐसे में किसी भी प्रमुख ग्राहक का नुकसान कंपनी पर भी असर डाल सकता है.
ग्राहकों और सप्लायर्स के साथ कंपनी की कोई विशिष्ट व्यवस्था नहीं है.
कंपनी के स्प्रिंग टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स का रेवेन्यू में 80.11% का योगदान हैं. ऐसे में इनकी मांग गिरी तो कंपनी के बिजनेस ऑपरेशंस पर निगेटिव प्रभाव पड़ेगा.
कंपनी पर इस समय पेटेंट उल्लंघन का मामला चल रहा है. कोर्ट की कार्यवाही कंपनी के विरुद्ध गई तो भी बिजनेस पर असर पड़ सकता है.