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ऑनलाइन मीट, सीफूड बेचने वाली 'लिशियस' ने शुरू की IPO की तैयारी, $2 बिलियन का वैल्यूएशन चाहती है कंपनी

कंपनी का IPO अगले साल 2026 में आ सकता है. 2023 में इसके अंतिम फंडिंग राउंड में इसकी वैल्यू 150 करोड़ डॉलर आंकी गई थी.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी12:46 PM IST, 19 Feb 2025NDTV Profit हिंदी
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ऑनलाइन मीट और सीफूड बेचने वाली कंपनी लिशियस (Licious) बेचने वाली कंपनी 'लिशियस' ने IPO लाने की तैयारी शुरू कर दी है. कंपनी का IPO अगले साल 2026 में आ सकता है.

बता दें कंपनी का लक्ष्य अगस्त तक EBITDA लेवल पर मुनाफा बनाने का है. इसके लिए कंपनी $2 बिलियन से ज्यादा के वैल्यूएशन में लिस्टिंग की योजना बना रही है. लिशियस में टेमासेक होल्डिंग्स ने अहम निवेश किया है। इसका ऑपरेशन Delightful Gourmet करती है.

लिशियस के CEO और को-फाउंडर विवेक गुप्ता ने कहा कि हम अगले 12 महीनों में IPO के लिए पूरी तरह तैयार कंपनी बनना चाहते हैं. कंपनी नए ऑफलाइन स्टोर्स खोलने, डिलीवरी तेज करने और क्विक कॉमर्स कंपनियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा देने की स्ट्रैटेजी पर काम कर रही है. कंपनी का लक्ष्य अगस्त 2025 तक EBITDA को प्रॉफिटेबल बनना है.

200 करोड़ डॉलर से ज्यादा के वैल्यूएशन पर लिस्टिंग की योजना

इस जानकारी से जुड़े लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बेंगलुरु स्थित ये कंपनी 200 करोड़ डॉलर से ज्यादा के वैल्यूएशन पर लिस्टिंग की योजना बना रही है. 2023 में इसके अंतिम फंडिंग राउंड में इसकी वैल्यू 150 करोड़ डॉलर आंकी गई थी.

2015 में बनी लिशियस उन कंपनियों में शामिल हो गई है, जो भारत के IPO बाजार में लिस्ट होने की तैयारी कर रही हैं.

लिशियस के निवेशकों में अवेंडस कैपिटल और कोटक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर शामिल हैं. हालांकि, विवेक गुप्ता और को-फाउंडर अभय हांजुरा ने कंपनी की IPO प्रक्रिया शुरू होने से पहले संभावित वैल्यूएशन पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

मीट मार्केट $26 करोड़ डॉलर

भारत की करीब 1.4 अरब की आबादी में से तीन-चौथाई लोग मछली, चिकन या मीट का सेवन करते हैं, जिसमें से ज्यादातर पारंपरिक रिटेल दुकानों से खरीदा जाता है. लिशियस भारत में शहरी और स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले कंज्यूमर्स पर फोकस कर रही है, जो सर्विस व क्वॉलिटी के लिए ज्यादा पेमेंट करने को तैयार हैं.

डाटा प्रोवाइडर स्टटिस्टा के मुताबिक, भारत का सालाना मछली और सीफूड मार्केट $59 बिलियन और मीट मार्केट $26 करोड़ डॉलर का है. लिशियस फिलहाल भारत के 20 शहरों में उपलब्ध है और ये चिकन, मटन, मछली, सीफूड, मसाले, स्प्रेड और रेडी-टू-ईट प्रोडक्ट्स बेचती है.

लिशियस ने ग्राहकों को औसतन 90 मिनट की डिलीवरी का वादा किया है, लेकिन वो 30 मिनट की डिलीवरी की दिशा में काम कर रही है, क्योंकि जोमैटो और स्विगी जैसे क्विक कॉमर्स प्रतिद्वंद्वियों को टक्कर दे रही है.

गुप्ता ने कहा कि कंपनी ने पहले ही गुरुग्राम में क्विक डिलीवरी शुरू कर दी है और जून तक इसे लिशियस के अधिकांश बाजारों में विस्तारित किया जाएगा.

खपत में कमी

जोमैटो और स्विगी जैसे 10 मिनट के डिलीवरी ऐप से अपने रेवेन्यू का लगभग पांचवा हिस्सा कमाने वाली लिशियस ने महामारी के दौर के उच्चतम स्तर से बिक्री ग्रोथ में गिरावट देखी है. ये भारत के शहरी केंद्रों में व्यापक खपत में कमी और छोटे शहरों में ऑनलाइन मांस खरीदने की धीमी प्रवृत्ति से जूझ रही है. इसके अलावा, क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो, अपने इन-हाउस मीट ब्रांड रेलिश और अमेजॉन बैक्ड फ्रेशटूहोम सहित अन्य प्रतिद्वंद्वी इस बाजार के बड़े हिस्से पर नजर गड़ाए हुए हैं.

कंपनी के को-फाउंडर अभय हांजुरा ने भारत में पसंद किए जाने वाले तिब्बती शैली के पकौड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि लिशियस अधिक रेडी-टू-कुक मैरीनेटेड आइटम के साथ-साथ मोमोज जैसे नए प्रोडक्ट जोड़ने की योजना बना रही है. इसका लक्ष्य मार्च 2026 तक 50 स्टोर खोलना है, जो वर्तमान में तीन हैं. इसने पिछले साल आउटलेट के साथ बेंगलुरु स्थित रिटेलर माई चिकन एंड मोर का अधिग्रहण किया है.

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