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मिड और स्मॉल कैप में बिकवाली की भेंट चढ़े लिस्ट हुए IPO, क्या रही वजह?

इस साल लिस्ट होने वाली 21 में 10 कंपनियों के शेयर अपने इश्यू प्राइस से नीचे कारोबार करते नजर आ रहे हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी08:33 AM IST, 27 Mar 2024NDTV Profit हिंदी
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स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स में बना बुलबुला जिस तरह से फूट रहा है, IPO स्पेस में लोग अपना मुनाफा बनाने के लिए शेयर बेचते जा रहे हैं.

इस साल लिस्ट होने वाली 21 में 10 कंपनियों के शेयर अपने इश्यू प्राइस से नीचे कारोबार करते नजर आ रहे हैं. ये गिरावट तब आ रही है, जब शेयर बाजार नए-नए रिकॉर्ड हाई बना रहा है.

मार्केट रेगुलेटर SEBI की ओर से इस 'बुलबुले' की आशंका के बाद निवेशकों ने इन शेयरों को बेचना शुरू किया है. SEBI ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को स्ट्रेस टेस्ट दिया था, जिसमें कंपनियों को स्मॉल और मिड कैप सेगमेंट से कितने समय में 50% और 100% हिस्सेदारी निकालने में लगने वाले समय की जानकारी देनी थी.

कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड, एंटेरो हेल्थकेयर सॉल्यूशंस, JG केमिकल्स और गोपाल स्नैक्स का भाव अपने इश्यू प्राइस से नीचे आ चुका है.

क्रिस्टल इंटिग्रेटेड सर्विसेज, प्लेटिनम इंडस्ट्रीज, राशि पेरिफेरल्स में फिलहाल कोई बड़ा अंतर नहीं आया है और ये अपने इश्यू प्राइस के नजदीक ही कारोबार कर रहे हैं. हालांकि, BLS ई-सर्विसेज, ज्योति CNC ऑटोमेशन का भाव अपने लिस्टिंग प्राइस से दोगुना हो गया है.

SEBI की ओर से स्मॉल और मिड कैप को लेकर चेतावनी देने के बाद BSE IPO इंडेक्स, जो बीते 2 साल में आए हुए IPO का परफॉर्मेंस ट्रैक करता है, में मार्च में बड़ी गिरावट देखने को मिली.

6 फरवरी को इंडेक्स 14,181 पर कारोबार कर रहा था और मार्च के मध्य तक पहुंचते-पहुंचते 12% तक टूट गया. सालाना आधार पर इंडेक्स में 2.83% का उछाल आया है.

2024 में अब तक, जिन कंपनियों ने IPO के जरिए कम पैसा जुटाया, उन्हें भारी सब्सक्रिप्शन देखने को मिला. वहीं, जो कंपनियां भारी भरकम रकम जुटाने के लिए IPO लाईं, उनमें सब्सक्रिप्शन को खास तवज्जो नहीं मिली.

2023 में जब बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर था, भारत के शेयर बाजार में IPO की शानदार ऑफरिंग देखने को मिली. हालांकि वैल्यू के आधार पर इसमें 2022 के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई.

क्यों हुई बिक्री?

बाजार का हाई वैल्यूएशन बिक्री की एक बड़ी वजह बना, लेकिन इस बिक्री के पीछे एक बड़ा ट्रिगर SEBI का स्मॉल और मिड कैप सेगमेंट के लिए बन रहे बुलबुले पर अपनी चिंता जाहिर करना था.

SEBI ने म्यूचुअल फंड्स को अपने निवेशकों के इंटरेस्ट का ध्यान रखते हुए मिड कैप और स्मॉल कैप सेगमेंट में बन रहे 'बुलबुले' को लेकर चेतावनी दी थी. मार्केट रेगुलेटर ने AMCs को पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग और फ्लो मॉडरेटिंग पर सतर्क रहने की सलाह दी थी.

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