डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म फोनपे (PhonePe) ने 20 फरवरी को घोषणा की कि वह भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों (NSE और BSE) पर लिस्ट होने के लिए IPO की प्रक्रिया शुरू कर रहा है. वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली यह कंपनी तेजी से बढ़ते टेक यूनिकॉर्न्स की लिस्ट में शामिल होने जा रही है, जो अब सार्वजनिक रूप से निवेशकों के लिए उपलब्ध होगी.
फोनपे ने दिसंबर 2022 में अपने हेडक्वार्टर को सिंगापुर से भारत में स्थानांतरित (redomicile) किया था. कंपनी ने ये भी कहा कि उसने एक स्पष्ट कॉरपोरेट स्ट्रक्चर तैयार किया है, जहां उसके सभी नए नॉन-पेमेंट बिजनेस पूरी तरह से उसकी सहायक कंपनियां (subsidiaries) होंगी.
हमारे मजबूत बिजनेस पोर्टफोलियो में टॉप-लाइन और बॉटम-लाइन ग्रोथ को देखते हुए, अब सार्वजनिक लिस्टिंग (IPO) की तैयारी करने का उपयुक्त समय है.फोनपे (एक बयान में)
ये कदम फोनपे के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, खासकर तब जब कंपनी इस साल अपनी 10वीं वर्षगांठ मना रही है.
वित्त वर्ष 2023-24 में फोनपे की आय (Revenue) ₹5,000 करोड़ से अधिक पहुंच गई, जो साल-दर-साल 74% की वृद्धि दर्शाता है. साथ ही, कंपनी ने ₹197 करोड़ का मुनाफा (PAT) दर्ज किया, जबकि FY22-23 में ₹738 करोड़ का घाटा हुआ था.
अगर हम पिछले पांच वर्षों के ग्रोथ ट्रेंड को देखें, तो कंपनी की ऑपरेशनल रेवेन्यू ₹184 करोड़ (FY18-19) से बढ़कर ₹5,064 करोड़ (FY23-24) हो गई है, जो 94% की जबरदस्त CAGR को दर्शाता है.
फोनपे सिर्फ पेमेंट ऐप नहीं रहा, बल्कि 2020 से यह फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में भी तेजी से बढ़ा है. कंपनी अब म्यूचुअल फंड, गोल्ड SIPs, इंश्योरेंस और पर्सनल लोन जैसी सेवाएं भी अपने ग्राहकों को प्रदान कर रही है.
IPO की प्रक्रिया शुरू करने के साथ, फोनपे अब सार्वजनिक निवेशकों को अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहा है. इसका मतलब यह है कि अब आम लोग भी इस ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा बन सकते हैं और कंपनी के शेयरों में निवेश कर सकते हैं.
फोनपे की ये लिस्टिंग भारतीय टेक स्टार्टअप्स के लिए एक नया बेंचमार्क सेट कर सकती है और डिजिटल फाइनेंस सेक्टर में निवेशकों के लिए नए अवसर खोल सकती है.