मार्केट रेगुलेटर SEBI के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा है कि अब सभी वित्तीय सेवाओं के लिए एक समान KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया तैयार की जा रही है, जिससे निवेशकों को बार-बार अलग-अलग पहचान प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा.
NDTV Profit से इंटरैक्शन के दौरान उन्होंने बताया कि SEBI, वित्त मंत्रालय और अन्य नियामकों के साथ मिलकर सेंट्रल KYC सिस्टम को PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून) के अनुसार इंटरऑपरेबल बनाने पर काम कर रहा है.
इसका मतलब है कि एक बार KYC कराने के बाद वही पहचान सभी जगह, बैंक, म्यूचुअल फंड, स्टॉक ब्रोकर और इंश्योरेंस कंपनियों में मान्य होगी.
'सभी वित्तीय नियामकों के लिए एक सामान्य KYC व्यवस्था एक बड़ा कदम होगा,' उन्होंने कहा. SEBI चीफ ने ये भी बताया कि मौजूदा KRA सिस्टम (KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसियों) और नए सेंट्रल सिस्टम को आपस में जोड़ा जाएगा, जिससे निवेश प्रक्रिया और भी आसान बन सके.
क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े सवालों पर उन्होंने कहा कि यह SEBI के दायरे में नहीं आता, क्योंकि यह पारंपरिक सुरक्षा (security) की श्रेणी में नहीं आता. इस पर कोई भी नीतिगत निर्णय वित्त मंत्रालय द्वारा ही लिया जाएगा. 'क्रिप्टो पर SEBI की भूमिका नहीं है, ये पूरी तरह से नीति से जुड़ा मामला है,' उन्होंने स्पष्ट किया.
SEBI अब नियमों को सरल बनाने और अनावश्यक बोझ कम करने की प्रक्रिया में भी जुटा है. इसका उद्देश्य यह है कि नियम प्रभावी भी रहें और निवेशकों या संस्थाओं पर अधिक भार न डालें. 'कम बोझ के साथ अधिक प्रभाव डालना ही लक्ष्य है,' पांडे ने कहा.
उन्होंने बताया कि SEBI के हर विभाग को ये जिम्मेदारी दी गई है कि वो मौजूदा नियमों की समीक्षा करे और जहां जरूरत हो, वहां सुधार लाए.