मई महीने के दौरान इमर्जिंग मार्केट्स में FIIs की ओर से सबसे बड़ी बिकवाली भारत में देखने को मिली. विदेशी निवेशक मई महीने की शुरुआत से ही घरेलू शेयर बाजार में शेयर बेच रहे हैं. इसके पीछे वजह है कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में उम्मीद से कम वोटिंग से नतीजों को लेकर बाजार में अनिश्चित्ता की स्थिति आ गई है.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रोविजनल डेटा के मुताबिक दो सत्रों को छोड़कर दूसरे सभी सेशन में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने भारतीय शेयरों में बिकवाली की है. इस महीने में अब तक उन्होंने भारतीय बाजार से करीब 2.97 बिलियन डॉलर निकाले हैं.
भारत के बाद इंडोनेशिया, वियतनाम और थाइलैंड में FPI की सबसे ज्यादा बिकवाली देखने को मिली. वहीं इमर्जिंग मार्केट्स में सबसे ज्यादा इनफ्लो ताइवान में 6.27 बिलियन डॉलर का रहा. मई में दक्षिण कोरिया और मलेशिया जैसे देशों में इनफ्लो रहा.
NSDL डेटा के मुताबिक मई के पहले 15 दिनों में विदेशी निवेशकों ने फाइनेंशियल और IT शेयरों में अपनी बिकवाली जारी रखी. फाइनेंशियल सर्विसेज और IT शेयरों में 1 से 15 मई के बीच क्रमश: 9,687 करोड़ और 5,574 करोड़ रुपये का आउटफ्लो देखा गया.
मई में बिकवाली से पहले अप्रैल महीने के दौरान 8,671 करोड़ रुपये का आउफ्लो हुआ था. NSDL के डेटा में दिखा कि फॉरेन इंस्टीट्यूशंस ने 2024 में 20,762 करोड़ रुपये के भारतीय शेयरों की बिकवाली की.
विदेशी निवेशकों की बिकवाली के पीछे वजह भारतीय शेयर बाजार में फैला डर है जो आमतौर पर चुनावों के दौरान देखने को मिलता है. लोकसभा चुनाव का पहला चरण शुरू होने के बाद से India VIX में करीब 72% का उछाल आया है.