अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों (Gold Prices) ने एक बार फिर नया रिकॉर्ड बनाया है. इस साल फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और केंद्रीय बैंकों की गोल्ड डिमांड के चलते सोने की कीमत 2,300 डॉलर/आउंस को भी पार कर गई है.
बुधवार को ही फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा था कि फेड इस साल ब्याज दरों में कटौती करेगा. इसके बाद बुलियन 2,304.96 डॉलर/आउंस पर पहुंच गया. वहीं चांदी भी तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई.
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि जब ब्याज दरें घटती हैं, तो इससे सोने की कीमतों को सहारा मिलता है और ये सोने के दाम बढ़ते हैं. जब ब्याज दरें बढ़ती हैं तो निवेशक फिक्स्ड इनकम निवेशक की तरफ आकर्षित होते हैं, क्योंकि उन्हें वहां पर सोने के रिटर्न के मुकाबले ज्यादा ब्याज मिलने की उम्मीद होती है.
यही वजह है कि दरों में कटौती से पहले निवेशक सोना खरीदना शुरू कर देते हैं, क्योंकि इसके बाद दाम बढ़ जाएंगे.
बता दें सोने की कीमतों में जियोपॉलिटिकल जोखिमों के चलते भी इजाफा हुआ है. इनमें मध्य पूर्व में तनाव और यूक्रेन-रूस युद्ध शामिल हैं.
इसके अलावा केंद्रीय बैंकों द्वारा गोल्ड पर्चेज की मात्रा बढ़ने से भी कीमतों में इजाफा हुआ है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल द्वारा इकट्ठा किए गए हालिया डेटा से पता चला है कि फरवरी में बैंकों ने गोल्ड होल्डिंग्स जोड़ना जारी रखा.
ये लगातार 9वां महीना है जब बैंकों ने गोल्ड होल्डिंग्स को बढ़ाया है. सबसे ज्यादा सोना खरीदने वालों में चीन और भारत सबसे आगे हैं. इसके बाद कजाकिस्तान का नंबर है.
केडिया कमोडिटी कॉमट्रेड के डायरेक्टर अजय केडिया का अंदाजा है कि 'सोने की कीमतों में इस साल मजबूती बनी रहेगी, अगर फेड ब्याज दरों में कटौती करता है तो साल के अंत तक सोने का भाव 70,000 तक पहुंच सकता है, लेकिन मौजूदा तेजी में हल्की नरमी आती है तो ये 62,000 रुपये तक जाएगा, जो कि खरीदारी करने के लिए एक अच्छा मौका होगा.'