IFCI लिमिटेड के शेयरों में तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है. गुरुवार को इसमें 5% से ज्यादा का उछाल दिखा और शेयर ₹74.50 के इंट्राडे हाई पर जा पहुंचा. ये लगातार पांचवा कारोबारी दिन है, जब शेयरों में तेजी देखी जा रही है.
इससे पहले बुधवार को शेयर 15% तक उछल कर ₹70.48 के इंट्राडे हाई पर पहुंच गया था. इससे पहले यह ₹61.28 पर खुला था, जो मंगलवार के ₹61.10 के क्लोजिंग प्राइस से ऊपर था.
इस हफ्ते स्टॉक में 44% तक का उछाल देखा गया है. शुक्रवार को शेयर 55 रुपये के स्तर पर क्लोज हुआ था, जबकि गुरुवार को ये 74 रुपये से ऊपर पहुंच गया.
लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए ये स्टॉक मल्टीबैगर साबित हुआ है. पिछले 2 साल में इसमें 526% और पिछले 5 साल में 1,600% से ज्यादा का उछाल आया है.
तेजी की ताजा लहर की बात करें तो मार्च 2025 तिमाही के नतीजों के बाद से लगातार उछाल देखने को मिला है.
IFCI Ltd केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन एक नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जो 1948 में देश के पहले विकास वित्तीय संस्थान (DFI) के रूप में स्थापित हुई थी. इसका मुख्य काम इंडस्ट्रियल और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मिड और लॉन्ग टर्म लोन देना है. इसके अलावा, ये कॉर्पोरेट फाइनेंसिंग और सलाहकार सेवाएं भी देती है, खासकर PLI योजनाओं के लिए. कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप करीब 19,369 करोड़ है.
15 मई को घोषित आंकड़ों के मुताबिक, IFCI को इस तिमाही में ₹260.43 करोड़ का नेट प्रॉफिट हुआ, जो पिछले साल इसी अवधि में ₹157.32 करोड़ था. यानी कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 65.5% बढ़ा है. हालांकि पिछली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर में कंपनी को ₹8.74 करोड़ का घाटा हुआ था. ऑपरेशन से कंपनी की आय घटकर ₹413.61 करोड़ रही, जो एक साल पहले ₹605 करोड़ और पिछली तिमाही में ₹458 करोड़ थी.
IFCI पर ब्रोकरेज हाउसों की राय मिली-जुली और कुछ हद तक सतर्क रही है, हालांकि हालिया नतीजों और सरकारी हिस्सेदारी के कारण इसमें कुछ सकारात्मक रुझान भी देखने को मिले हैं.
31 मार्च 2025 तक, भारत सरकार के पास IFCI में 72.57% की बड़ी हिस्सेदारी थी, जिसे निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जाता है.
एंजल वन ने शॉर्ट टर्म के लिए इसे पॉजिटिव बताया है और वन ईयर रिटर्न 21.85% बताया है. आनंद राठी से लेकर प्रभुदास लीलाधर तक, कई ब्रोकरेज हाउसेज के एनालिस्ट ने इस पर 'खरीदें' (Buy) की सलाह दी थी.
एक तरफ जहां स्टॉक में तेजी के संकेत दिख रहे हैं, वहीं एनालिस्ट का ये भी मानना है कि तेजी की ये रफ्तार मुनाफावसूली को भी न्यौता दे सकती है.