स्विगी (Swiggy) के शेयरों में इस साल की शुरुआत से अब तक 41% की गिरावट आई है, और 6 फरवरी से ये लगातार IPO लिस्टिंग प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैं. यानी इसमें उम्मीद के मुताबिक रिटर्न नहीं मिला है. इसका कारण कमजोर कमाई तो है ही, फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स सेगमेंट में तेज कंपटीशन भी है.
Swiggy ने FY25 की जनवरी-मार्च तिमाही में 1,081 करोड़ रुपये का नेट लॉस दर्ज किया, जो पिछले साल की इसी तिमाही के 799 करोड़ रुपये के नुकसान से ज्यादा है. ये आंकड़ा ब्लूमबर्ग के अनुमान (778.1 करोड़ रुपये) से भी ऊपर रहा.
हालांकि ऑर्डर वॉल्यूम में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन घाटा भी बढ़ा है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि Swiggy की कोर फूड डिलीवरी सर्विस स्थिर है, लेकिन क्विक कॉमर्स सेगमेंट में लगातार नुकसान बना हुआ है. जोमैटो की ब्लिंकिट डिवीजन के तेज विस्तार ने कंपटीशन को और बढ़ा दिया है.
कई ब्रोकरेज फर्म्स ने इस ओर ध्यान दिलाया है कि कंपनी को कैश बर्न घटाना होगा और मार्जिन सुधारना होगा,नहीं तो निवेशकों का भरोसा कमजोर पड़ सकता है.
स्विगी के शेयर इस साल अब तक 41% गिर चुके हैं, जिससे बाजार में इस पर अलग-अलग राय बन रही है. हालांकि कुछ विश्लेषकों को अब भी इसमें संभावनाएं दिख रही हैं. ब्लूमबर्ग (Bloomberg) के अनुसार, स्विगी का 12 महीने का औसत टारगेट प्राइस ₹414.32 है, जो इसके मौजूदा प्राइस से 28.2% ज्यादा है. स्विगी पर नजर रखने वाल 20 विश्लेषकों में से:
14 एनालिस्ट ने खरीदने (Buy) की सलाह दी है
3 एनालिस्ट ने होल्ड (Hold) करने की सलाह दी है
3 एनालिस्ट ने बेचने (Sell) की राय दी है
स्विगी फिलहाल कमजोर नतीजों और तेज प्रतिस्पर्धा से जूझ रही है. अगर कंपनी कैश फ्लो कंट्रोल कर पाती है और क्विक कॉमर्स में नुकसान रोकती है तो आगे रिकवरी की संभावना है. एनालिस्ट निवेशकों को सतर्क रहने और लॉन्ग टर्म पर फोकस करने की सलाह दे रहे हैं.