लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने NDTV के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की.
इस दौरान उन्होंने शेयर बाजार पर भी खुलकर राय रखी और कहा कि विदेशी बाजारों के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव कम है. साथ ही लिस्टेड कंपनियों में पारदर्शिता बढ़ने से छोटे निवेशकों का भरोसा और भागीदारी भी बाजार में काफी बढ़ी है.
छोटे निवेशकों को अब शेयर बाजार के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल रही है और उनका पैसा म्यूचुअल फंड के जरिए बाजार में आ रहा है. अब वे जानने लगे हैं कि किन कंपनियों का कार्पोरेट गवर्नेंस अच्छा है और कौन अच्छा डिविडेंड दे रही हैं. उन्होंने कहा कि छोटे निवेशकों का पैसा म्यूचुअल फंड के जरिए शेयर बाजार में आ रहा है. वित्तमंत्री को भरोसा है कि DIIs का निवेश FPIs के आउटफ्लो को अच्छे से मैनेज कर लेगा: निर्मला सीतारमण
वित्तमंत्री का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब FPI लगातार शेयर बाजार में बिकवाली कर रहे हैं. अकेले मई महीने में FPIs ने शेयर बाजार से 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा निकाले हैं, मगर इसके बावजूद हमारे बाजार शुरुआती हिचकोलों के बाद अब ऑल टाइम हाई पर हैं. निफ्टी ने सोमवार को 23,000 के ऐतिहासिक स्तर को तो सेंसेक्स ने 73,000 के स्तर को पार किया.
वित्तमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में बजट की प्रक्रिया को ज्यादा भरोसेमंद और पारदर्शी बनाया है. सरकार ने वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए कई फैसले लिए हैं. वित्तीय घाटे को काबू में रखा है और सरकार ने टैक्स कलेक्शन का सही से इस्तेमाल किया है.
उन्होंने इस बातचीत में रेवड़ियों और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों में फर्क को भी समझाया है. उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव जीतने के लिए 3, 4 राज्यों ने बड़े-बड़े वादे किए और अब वो उसे पूरा करने लिए भारीत कर्ज कर्ज ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई राज्य अपने कार्यक्रमों के लिए केंद्र से पैसा मांग रहे हैं, मगर केंद्र का पैसा राज्यों के गलत फैसलों पर नहीं खर्च किया जा सकता है.