29 अगस्त, 2024, गुरुवार को होने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना आम बैठक (AGM) पर सभी की निगाहें होंगी. निवेशक इस AGM से रिलायंस की भविष्य की योजनाओं को लेकर कुछ सुनना और जानना चाहेंगे.
रिलायंस इंडस्ट्रीज अपनी लिस्टिंग के 50 साल पूरे करने वाली है, AGM में बड़े ऐलानों और भविष्य की योजनाएं अगले दिन अखबारों की सुर्खियां बनती हैं, लेकिन सच्चाई ये भी है कि ज्यादातर AGM रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों के लिए अच्छे साबित नहीं हुए हैं, ये बात आंकड़ों से साबित होती है.
कंपनी स्टेटमेंट के मुताबिक, मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज 29 अगस्त को दोपहर 2 बजे अपनी 47वीं एनुअल जनरल मीटिंग आयोजित करेगी.
ग्रुप की पिछली 10 बैठकों में रिलायंस का शेयर 7 बैठकों में गिरा है. साल 2020 की AGM के दौरान रिलायंस 6.2% तक टूट गया था. 28 अगस्त, 2023 को हुई पिछली AGM में रिलायंस का शेयर 1.51% गिरा था, नुकसान को थोड़ा रिकवर करने के बाद ये 1% की गिरावट के साथ बंद हुआ था.
साल 2019 में, एक मौका था जब रिलांयस इंडस्ट्रीज की AGM के अगले दिन रिलायंस का शेयर चढ़ा था, क्योंकि AGM वाले दिन शेयर बाजार बंद था.
2019 में AGM के बाद शेयर 12.1% चढ़ा और बाद में हल्की मुनाफावसूली के बाद ये 9.69% की बढ़त के साथ बंद हुआ, क्योंकि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सऊदी अरब की दिग्गज तेल कंपनी अरामको के साथ डील का ऐलान किया. जिसमें रिलायंस ने अरामको की तेल रिफाइनरी और केमिकल कारोबार में 20% हिस्सा खरीदा था. इस डील ने रिलायंस के शेयरों में नई जान फूंक दी थी.
इसी AGM में जियो के इंटरनेट के साथ-साथ अपनी जियो फाइबर सेवाओं को शुरू करने का भी ऐलान किया था.
AGM के पहले और बाद के हफ्तों को देखें तो बैठक के पहले वाले हफ्ते में शेयरों में 5 ट्रेडिंग सेशंस में गिरावट देखने को मिली वहीं मीटिंग के बाद शेयर 8 बार चढ़कर बंद हुआ.
रिलायंस का शेयर 12 महीनों में 23% चढ़ चुका है, जबकि YTD आधार पर 16% चढ़ा है. ब्लूमबर्ग के आंकड़ो के अनुसार, कंपनी पर नजर रखने वाले 36 एनालिस्ट्स में से 25 ने शेयर को 'BUY' रेटिंग दी है, 8 ने 'HOLD' करने की सलाह दी तो वहीं 3 ने 'SOLD' की राय दी.
जून तिमाही में कंपनी का मुनाफा गिरा था और मार्जिन में भी 120 बेसिस प्वाइंट सिकुड़ गया था, 29 अगस्त को होने वाली AGM में कंपनी इसे लेकर निवेशकों को आश्वस्त करने की कोशिश करेगी.
अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का मुनाफा 17.9% गिरकर 17,445 करोड़ रुपये रहा था, जबकि ब्लूमबर्ग का अनुमान 17,654.9 करोड़ रुपये था.
इस दौरान कंपनी का कुल कर्ज एक साल पहले की तुलना में 11.27% गिरकर 1,12,341 करोड़ रुपये हो गया. नेट डेट-टू-एबिटा 0.66 गुना रहा, जोकि पिछली बार 0.76 गुना था.
इसके अलावा टेलीकॉम और तेल और गैस जैसे प्रमुख क्षेत्रों से जुड़ी घोषणाओं पर भी निवेशकों की नजर रहेगी.