मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अपने कर्मियों के एनुअल अप्रेजल यानी वार्षिक मूल्यांकन में डिजिटल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (MIS) को KRA (Key Result Areas) से अलग करने का फैसला किया है. इस फैसले की जानकारी रखने वाले चार सूत्रों ने NDTV Profit को बताया कि रेगुलेटर अपनी मौजूदा परफॉर्मेंस असेसमेंट सिस्टम पर दोबारा विचार करेगा.
सूत्रों के अनुसार, SEBI ने इस बदलाव को लेकर एक आंतरिक सर्कुलर जारी किया है. हालांकि, पुरानी प्रक्रिया को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जाएगा, बल्कि इसे नए तरीके से परखा जाएगा. SEBI के नए चेयरपर्सन तुहिन कांत पांडे के प्रभार लेने के कुछ दिनों के भीतर ही बदलाव पर चर्चा हो रही है.
SEBI में KRA (KRA) प्रणाली पिछले 20 वर्षों से लागू है, लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव की जरूरत महसूस की गई. रेगुलेटर अब टारगेट-बेस्ड अप्रेजल सिस्टम को समाप्त करने पर विचार कर रहा है.
पहले, किसी विभाग की कुल प्रदर्शन रेटिंग उसके सभी कर्मचारियों की व्यक्तिगत रेटिंग को प्रभावित कर देती थी, भले ही कुछ कर्मचारी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हों.
पहले MIS डेटा में 'लक्ष्य प्राप्ति' और 'सफलता दर' जैसे आंकड़े दर्ज होते थे, जो कर्मचारियों के करियर ग्रोथ और एनुअल अप्रेजल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे.
डिजिटलाइजेशन के बढ़ते दबाव के कारण कई विभाग इस डेटा को पोर्टल पर अपलोड करने से हिचकिचा रहे थे, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि यह उनके वास्तविक प्रदर्शन को सही ढंग से नहीं दर्शाएगा.
इस कारण पिछले साल SEBI कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था, क्योंकि उनका मानना था कि सिर्फ संख्यात्मक लक्ष्यों पर ध्यान देने से उनके काम की जटिलता सही से नहीं मापी जा सकती.
SEBI के नए चेयरपर्सन तुहिन कांत पांडे के नेतृत्व में अब अप्रेजल सिस्टम में गुणवत्ता (Quality) पर अधिक जोर दिया जा रहा है, न कि मात्रात्मक (Quantity) मापदंडों पर.
सूत्रों के अनुसार, नए चेयरपर्सन विभिन्न विभागों के कर्मचारियों से मिलकर उनकी समस्याएं समझ रहे हैं और उन्हें हल करने की कोशिश कर रहे हैं. ये बदलाव SEBI में कार्यप्रणाली में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.