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SEBI ने डिबॉक इंडस्ट्रीज के प्रोमोटर्स को शेयर बाजार से बैन किया; 90 करोड़ रुपये भरने का आदेश, जानें क्या है मामला?

प्रेफरेंशियल शेयर अलॉटमेंट में झोल से शुरू हुई धोखाधड़ी के बाद कंपनी के प्रोमोटर्स ने राइट इश्यू का पैसा भी हड़प लिया
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी07:55 PM IST, 23 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
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SEBI ने शेयर बाजार में वित्तीय अनियमित्ताओं के गंभीर आरोपों के बाद डिबॉक इंडस्ट्रीज पर कार्रवाई की है. SEBI की जांच में पता चला है कि कंपनी के प्रोमोटर्स, इन्वेस्टर्स और रेगुलेटरी अथॉरिटीज को भ्रमित करने की एक स्कीम में शामिल थे. अब इन लोगों को करीब 90 करोड़ रुपये एक एस्क्रो अकाउंट में डालने के लिए कहा दिया गया है. साथ ही इनके अकाउंट भी फ्रीज कर दिए गए हैं.

SEBI के मुताबिक कंपनी के प्रोमोटर्स ने इन्वेस्टर्स के साथ धोखाधड़ी करने के लिए कंपनी की लिस्टिंग का इस्तेमाल किया और फंड साइफनिंग की, ताकि बड़ा निजी फायदा कमाया जा सके.

कैसे किया झोल?

प्रेफरेंशियल शेयर अलॉटमेंट के जरिए झोल

कंपनी ने शेयर्स के प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट का इस्तेमाल पूरे झोल को शुरू करने में किया. जब इन शेयर्स का अलॉटमेंट हो गया, तो इन्हें चुपचाप प्रोमोटर्स को ऑफ मार्केट ट्रांसफर कर दिया गया, जिन्होंने इन्हें पब्लिक को ज्यादा भाव पर बेच दिया. ध्यान रहे प्रेफरेंशियल शेयर्स सामान्यत: डिस्काउंट पर अलॉट किए जाते हैं.

इससे प्रोमोटर्स शेयरहोल्डिंग 64.79% से गिरकर 9.41% पर पहुंच गई. जबकि पब्लिक शेयरहोल्डिंग 35.21% से बढ़कर 90.56% पर पहुंच गई. पब्लिक शेयरहोल्डर्स की संख्या में भी जोरदार इजाफा हुआ. 2021 में 171 से बढ़कर ये संख्या 31 मार्च 2024 को 53,389 पर पहुंच गई.

राइट इश्यू से भी किया फ्रॉड

SEBI के मुताबिक डिबॉक इंडस्ट्रीज के NSE मेनबोर्ड सेगमेंट में माइग्रेट होने के बाद कंपनी राइट इश्यू भी लेकर आई, जिसमें प्रोमोटर्स ने हिस्सा नहीं लिया.

इस राइट इश्यू से जो फंड इकट्ठा हुआ, जिसका इस्तेमाल वैध धंधे के लिए होना था, उसका इस्तेमाल प्रोमोटर्स और उनके सहयोगियों ने हड़प लिया.

इसके बाद एक और प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट हुआ, इसमें भी ऐसी ही आरोप लगे कि कंपनी के पास पैसा पहुंचा ही नहीं.

कुलमिलाकर लगातार जारी हुए फाइनेंशियल इश्यूएंस, जिससे करीब 162 करोड़ रुपये आने थे, वो कंपनी के पास नहीं आए, बल्कि प्रोमोटर्स और उनके एसोसिएट्स के पास पहुंच गए.

SEBI के आदेश से ये भी पता चला है कि कंपनी बुक में कई ट्रांजैक्शंस सिर्फ बैलेंस शीट को मोटा दिखाने के लिए किए गए थे. कुलमिलाकर डिबॉक इंडस्ट्रीज के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स मनगढंत थे.

SEBI ने उठाए कड़े कदम

इन चीजों के सामने आने के बाद SEBI ने कड़े कदम उठाए हैं.

  • डिबॉक इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश मानवीर सिंह और पूर्व नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रियंका शर्मा पर लिस्टेड कंपनियों या SEBI रजिस्टर्ड इंटमीडियरीज में अहम पद लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्रोमोटर सुनील कलोट को भी शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया है.

  • घपले में शामिल लोगों को 89.24 करोड़ रुपये भरने का आदेश दिया गया है. इस पैसे को 15 दिन के भीतर एक एस्क्रो अकाउंट में जमा करना होगा.

  • इसके अलावा राइट इश्यू से हासिल हुए पूरे फंड को लौटाना होगा. इसमें जो पैसा कंपनी को वापस पहुंचा दिया गया था, वो छोड़ा जाएगा.

  • घपले में शामिल लोगों के बैंक अकाउंट फ्रीज करने का निर्देश दिया गया है. सिर्फ वही ट्रांजैक्शंस किए जा सकेंगे, जो SEBI के आदेश को पूरा करने के लिए जरूरी हों.

फिलहाल SEBI ने अंतरिम आदेश दिए हैं. साथ ही ये ex parte ऑर्डर है. मतलब ये डिबॉक की हिस्सेदारी के बिना पास किया गया एकतरफा आदेश है.

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