सिटी रिसर्च में इंडिया बैंक और फाइनेंशियल्स के निदेशक कुणाल शाह ने कहा कि कॉर्पोरेट डिमांड में कमी की वजह से देश में लेंडर्स की क्रेडिट ग्रोथ पर असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह सिंगल डिजिट नंबर की ओर बढ़ रहा है, जो एवरेज क्रेडिट ग्रोथ से काफी कम है.
उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट क्रेडिट में क्रेडिट ग्रोथ को बेहतर बनाने की क्षमता है. शाह ने NDTV Profit को दिए एक साक्षात्कार में कहा, 'इंडस्ट्री को इन्वेस्टमेंट एक्टिविटी में तेजी को देखने की जरूरत है. कॉर्पोरेट पक्ष को देखतें तो ये काफी हद तक वर्किंग कैपिटल है, जिसने डिमांड बढ़ाई है. ये निवेश एक्टिविटी नहीं है, जिसने कॉर्पोरेट क्रेडिट जरूरत को बढ़ाया है.'
उन्होंने कहा कि कुछ हद तक रिटेल सेक्टर ने क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ावा दिया है. हाल ही में, सिटी रिसर्च ने रिस्क वेटेज में मानक बढ़ोतरी के बाद अनसिक्योर्ड लोन में कमी देखी है.
एक अन्य सेगमेंट में तेज ग्रोथ दिखी है, वो नॉन-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFC) को ऋण देना था, जो अब एवरेज से करीब 5-7% कम है.
उन्होंने कहा कि ये सभी क्रेडिट ग्रोथ को कम कर रहे हैं. शाह ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में देश में क्रेडिट ग्रोथ 13% से 14% के बीच होनी चाहिए.
शाह ने कहा कि रिसोर्स के मोर्चे पर अन्य दिक्कतें भी हैं. डिपॉजिट ग्रोथ सुस्त रही है. ज्यादातर लेंडर्स अब क्रेडिट ग्रोथ टारगेट्स को इस आधार पर निर्धारित कर रहे हैं कि वे किस तरह से रिसोर्स जुटा पाते हैं.
चूंकि मार्जिन मैनेजमेंट पर खूब ध्यान दिया जा रहा है कि इसलिए कई लेंडर्स इस मामले में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं. कम रिटर्न वाले सेक्टर्स में जाने की बजाय वे हाई रिटर्न वाले अवसरों को प्राथमिकता दे रहे हैं.
बैंकिंग सेक्टर में सिटी के टॉप पिक्स में ICICI बैंक नंबर 1 है. लगातार प्रदर्शन करने के चलते ICICI बैंक टॉप पिक्स बना हुआ है. शाह ने कहा कि ये ग्रोथ के मामले में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है. HDFC बैंक और इंडसइंड बैंक भी सिटी रिसर्च की वरीयता सूची में बने हुए हैं.
नॉन बैंकिंग की बात करें तो श्रीराम फाइनेंस कंपनी, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी और L&T फाइनेंस लिमिटेड, इस सेगमेंट में सिटी रिसर्च की टॉप पिक्स हैं.
कई नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां अपनी ग्रोथ को बनाए रखने में सक्षम रही हैं. कुछ प्रमुख प्लेयर्स के लिए उम्मीद के अनुरूप या उससे बेहतर था. इस सेगमेंट में कई खिलाड़ियों ने अपने मार्जिन को भी बनाए रखा.
शाह ने कहा, 'अगर NBFC एसेट क्वालिटी को बनाए रखने में सक्षम हैं, उनके ग्रोथ की गुंजाइश बरकरार रहेगी.'
दरों में कटौती के बारे में एक नैरेटिव है, जो सुझाव देती है कि व्होलसेल रेट कट्स से NBFC को बहुत जल्द समर्थन मिलेगा. सिटी रिसर्च ने पाया है कि जब री-रेटिंग पहले होती है तो NBFC बेहतर परफॉर्म करते हैं.