मई महीने में बाजार में 3.56 लाख करोड़ रुपये के नोट सर्कुलेशन में थे, जिसमें से 76% नोट 30 जून तक वापस आ गए हैं. RBI ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.
19 मई को RBI ने 2,000 रुपये के नोट वापस लेने की घोषणा की थी और जनता से 30 सितंबर तक 2,000 रुपये के नोट एक्सचेंज या डिपॉजिट करने का समय दिया था. 19 मई तक 3.56 लाख करोड़ रुपये के नोट सर्कुलेशन में थे.
RBI ने जानकारी दी कि 30 जून को बाजार में 84,000 करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में हैं. लौटाए गए नोटों में से 87% नोट डिपॉजिट किए गए हैं, वहीं बाकी 13% नोट एक्सचेंज के जरिए RBI तक पहुंचे हैं.
RBI ने 19 मई के नोटिफिकेशन में 30 सितंबर तक 2,000 रुपये के नोट जमा करने को कहा था. हालांकि इसके बाद भी 2,000 रुपये का नोट चलन में बना रहेगा.
8 जून को RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा था कि 2,000 रुपये के करीब आधे नोट सर्कुलेशन से वापस आ गए. उन्होंने कहा था कि इसमें 85% नोट डिपॉजिट के जरिए वापस आए.
पब्लिक ऐप ने एक सर्वे में जानकारी दी कि लोगों ने 2,000 रुपये के नोट पेट्रोल, ज्वैलरी और रोजमर्रा की ग्रॉसरी में खर्च किए. वहीं, फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने जानकारी दी कि 19 मई को RBI के 2,000 के नोट सर्कुलेशन से वापस लेने के ऑर्डर के बाद लोगों ने फूड डिलीवरी में 2,000 के नोट का बहुतायत से इस्तेमाल किया.
पिछले महीने आई रिपोर्ट के अनुसार, SBI इकोरैप ने जानकारी दी थी कि 2,000 रुपये के नोट वापस लेने से देश की GDP 6.5% के अनुमान से ज्यादा हो सकती है. नोट में कहा गया था, '2,000 रुपये के नोट वापस लेने से Q1 FY24 में देश की GDP ग्रोथ 8.1% की रफ्तार से बढ़ सकती है. इस हिसाब से FY24 के लिए देश की GDP, RBI के 6.5% के अनुमान से ज्यादा रह सकती है. '