ADVERTISEMENT

G20 Summit 2023: क्‍या है इस शिखर सम्मेलन का मुख्य एजेंडा, किन मुद्दों पर क्‍या-क्‍या उम्‍मीदें हैं?

भारत के एजेंडे में फाइनेंशियल ट्रैक के 27 डिलिवरेबल्स में प्रगति देखी गई है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:17 AM IST, 08 Sep 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

भारत की अध्यक्षता में 9-10 सितंबर को G20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है, जिसमें कई वैश्विक मुद्दों पर बातचीत होगी.

इस दौरान भारत का फोकस, क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन, बहुपक्षीय डेवलपमेंट बैंक रिफॉर्म, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को आगे बढ़ाने, जलवायु वित्तपोषण (Climate Financing), संकटग्रस्त देशों के लिए कर्ज राहत फ्रेमवर्क तैयार करने और ग्लोबल वैल्यू चेन में सुधार जैसे मुद्दों पर हो सकता है.

रूस-यूक्रेन संकट और उसके बाद वैश्विक खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा को लेकर भी चर्चा हो सकती है. नई दिल्ली में हो रहे शिखर सम्मेलन में 'G20 बाली समिट' की तरह एक प्रेसिडेंशियल समरी मिलने की उम्मीद है. भारत की ओर से अगले शिखर सम्मेलन के तय मेजबान ब्राजील को G20 की कमान सौंपने के साथ इस आयोजन का समापन होगा.

दिल्ली पहुंचने वाले वैश्विक नेताओं की सूची में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अनुपस्थिति, कुछ विषयों पर आम सहमति की कमी उजागर करती है. हालांकि इन देशों के प्रतिनिधि जरूर शामिल हो रहे हैं.

चूंकि रूस-यूक्रेन संकट जारी रहने के दौरान अग्रणी देशों की बैठक हो रही है, ऐसे में वैश्विक आर्थिक सुधार, आपूर्ति श्रृंखला टूटने, महंगाई प्रबंधन और मौद्रिक सख्ती के बारे में चिंताओं ने अधिकांश चर्चाओं को प्रभावित किया है और विभिन्न देशों की राय में भिन्नता देखी गई है.

भारत का फाइनेंशियल ट्रैक

भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा रखे गए कुछ प्रमुख मुद्दों में डिजिटल पब्लिक आर्किटेक्चर, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स, विकासशील देशों के लिए जलवायु वित्तपोषण, डेवलपमेंट बैंक रिफॉर्म, शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर के वित्तपोषण-तरीकों में सुधार, संकटग्रस्त निम्न और मध्यम आय वाले देशों की ऋण कमजोरियां और इंटरनेशनल टैक्सेशन शामिल हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गांधीनगर में हुई G20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर्स की मीटिंग के बाद बताया था कि प्रतिनिधिमंडलों ने भारत की ओर से तय किए गए एजेंडे में रुचि दिखाई है.

भारत की अध्यक्षता को सभी एजेंडों पर व्यापक समर्थन मिला है. हमारे सभी मुद्दों का समर्थन करने, हमारे एजेंडा को मजबूत करने और एजेंडे में और भी मुद्दे शामिल करने को लेकर कंस्ट्रक्टिव इनपुट की पेशकश के लिए सभी G20 सदस्यों को बहुत धन्यवाद.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (तीसरी FMCBG के प्रेस कॉन्फ्रेंस में)

नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत के एजेंडे में फाइनेंशियल ट्रैक के 27 डिलिवरेबल्स में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है.

7 सितंबर को पब्लिक के लिए जारी एक IMF-AFSB सिंथेसिस पेपर में कहा गया है कि इसका अपेक्षित परिणाम भुगतान के साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी के फ्लो और स्टॉक के परीक्षण अनुमानों को अक्टूबर-दिसंबर 2025 तक टाइप्स, सेक्टर और समकक्ष देशों के अनुसार विभाजित करना है.

इस पेपर को G20 प्रतिनिधिमंडलों के बीच प्रसारित किया गया है और उसके बाद अपेक्षित रेगुलेशन विनियमन, FTX की गिरावट और हाल के दिनों के क्रिप्टो बूम के बाद आया है.

हालांकि, भारत की अध्यक्षता आधिकारिक तौर पर मराकेश, मोरक्को में चौथी और अंतिम FMCBG मीटिंग के साथ समाप्त होगी, जहां MDB रिफॉर्म और उनकी ऋण क्षमताओं के विस्तार पर एक्सपर्ट ग्रुप की रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी.

G20 के तत्वावधान में विकसित 'बहुपक्षीय डेवलपमेंट बैंक पूंजी पर्याप्तता फ्रेमवर्क' ने प्रस्तावित किया कि अगले 10 वर्षों में MDB द्वारा 200 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त उधार क्षमता उपलब्ध कराई जा सकती है.

अन्य उल्लेखनीय परिणामों के अलावा बात करें तो अगस्त में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में ट्रेड मिनिस्टर्स की बैठक में 'जयपुर कॉल फॉर एक्शन' की स्थापना पर सहमति हुई. इसमें MSMEs की सहायता के उद्देश्य से सूचना का एक डेटाबेस बनाना शामिल है.

ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट ग्रुप ने ग्लोबल वैल्यू चेन की मैपिंग करने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के डिजिटलाइजेशन के लिए सिद्धांत निर्धारित करने का भी निर्णय लिया.

शेरपा ट्रैक के संदर्भ में, G20 समूह में भारत, अफ्रीकी संघ (55 देशों का एक समूह) को G20 के सदस्य के रूप में शामिल करवा सकता है, बशर्ते कि नेता इस पर हस्ताक्षर करें.

जुलाई में हम्पी में नेताओं की घोषणा के अंतिम ड्राफ्ट सेशन से उठाते हुए, शेरपाओं और प्रतिनिधिमंडल देशों के प्रमुखों ने 6 प्राथमिकताओं को शामिल किया. इसमें विभिन्न कार्य समूहों के परिणामों पर आधारित सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals), हरित विकास (Green Development), MDB सुधार, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और लैंगिक समानता शामिल थे.

व्यापार वर्ग क्या चाहता है?

G20 के तहत एक समूह है- बिजनेस 20 (B20), जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार दिग्गजों और उनकी नीतिगत सिफारिशों को राष्ट्र प्रमुखों के लिए एक साथ लाता है.

टाटा संस के एन चंद्रशेखरन की अध्यक्षता में, B20 की विज्ञप्ति में कई अहम सिफारिशें शामिल थीं:

  • सर्विस ट्रेड में सुधार और व्यापार में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना

  • वित्तीय समावेशन और स्वास्थ्य देखभाल पहुंच को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर रोलआउट

  • एक सामंजस्यपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कार्बन बाजार के माध्यम से नेट-जीरो ट्रांजीशन में तेजी लाना

  • साइबर सुरक्षा मानकों और डेटा प्राइवेसी रेगुलेशंस को सुसंगत बनाना

  • अनुसंधान-विकास और प्रौद्योगिकी के क्रॉस बॉर्डर ट्रांसफर की अनुमति देना

  • एक यूनिवर्सल श्रम सूचना प्रबंधन प्रणाली डेवलप करना

  • AI युग में तकनीक-संचालित फ्रेमवर्क को शामिल करना

  • अफ्रीका को ग्लोबल इकोनॉमी में शामिल करना.

B20 ने ये भी प्रस्ताव दिया कि वैश्विक नेता कुछ इंस्टीट्यूशनल स्थापित करें. इनमें की गई सिफारिशों को आगे बढ़ाने के लिए एक B20 ग्लोबल इंस्टीट्यूट, डीकार्बोनाइजेशन के लिए वित्तपोषण, एक ग्लोबल SDG एक्सेलेरेशन फंड स्थापित करना शामिल है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT