हिंद की सेना ने सैन्य शक्ति को बढ़ाने वाली एक नई उपलब्धि हासिल की है. भारत ने ओडिशा के तट से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल (Long-Range Hypersonic Missile) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है जो दुनिया के अधिकांश एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देते हुए सुपरसोनिक स्पीड से लक्ष्य को भेद सकता है.
देश के पहले लंबी दूरी वाले हाइपरसोनिक मिशन के सफल परीक्षण पर रक्षा मंत्री ने खुशी जताते हुए इस उपलब्धि को शानदार और 'ऐतिहासिक क्षण' बताया.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि DRDO यानी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित मिसाइल को 1,500 किमी से ज्यादा दूरी तक अलग अलग तरह के पेलोड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है. टेस्ट में मिसाइल ने तेजी और अत्यधिक सटीकता से लक्ष्य का खात्मा किया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि,
"भारत ने ओडिशा के तट से दूर डॉ. APJ अब्दुल कलाम द्वीप से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है."
इस मिसाइल को डॉ APJ अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स, हैदराबाद और DRDO ने कई इंडस्ट्री पार्टनर के साथ मिलकर विकसित किया है.
हाइपरसोनिक मिसाइल न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम होती हैं और आमतौर पर ध्वनि की गति से पांच गुना (Mach 5) अधिक यानी लगभग 1,220 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ सकती हैं.
हालांकि हाइपरसोनिक मिसाइलों के कुछ एडवांस्ड वर्जन 15 मैक से ज्यादा स्पीड से भी उड़ सकते हैं.
फिलहाल, रूस और चीन हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित करने में हमसे बहुत आगे हैं. जबकि अमेरिका तो ऐसे हथियारों की एक पूरी रेंज ही विकसित करने में लगा है.
फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान, ईरान और इजरायल सहित कई और देश भी हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम विकसित करने के प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं.