महंगाई ने जुलाई में अपना रौद्र रूप दिखाया है. रिटेल महंगाई दर (CPI) 15 महीने के हाई पर पहुंच गई है. RBI के टारगेट रेंज को पार करते हुए जुलाई में ये आंकड़ा 7.44% को छू गया है. इसके पहले अप्रैल, मई और जून में रिटेल महंगाई दर 5% के नीचे बनी हुई थी.
इस साल जनवरी से लेकर मई तक रिटेल महंगाई दर में लगातार नरमी दिखाई दी थी, लेकिन जून से महंगाई ने यू-टर्न लिया और महंगाई दर बढ़कर 4.87% (संशोधित) पर पहुंच गई थी. जुलाई में इसने रिकॉर्ड ही बना डाला.
मई से पहले अप्रैल में CPI का आंकड़ा 4.7%, मार्च में 5.66% और फरवरी में 6.44% रहा था. पिछले साल दिसंबर 2022 में रिटेल महंगाई दर 5.72% और नवंबर में 5.88% थी.
शहरी महंगाई दर 4.96% (जून) से बढ़कर 7.20% (MoM)
ग्रामीण महंगाई दर 4.78% (जून) से बढ़कर 7.63% (MoM)
एक साल पहले यानी जुलाई 2022 के आंकड़े (6.71%) से तुलना करें तो CPI के आंकड़े में 0.73% का इजाफा देखा गया.
अनाज की महंगाई जून के 12.7% की तुलना में जुलाई में बढ़कर 13% हो गई.
मांस और मछली की महंगाई 1.41% से बढ़कर 2.25% हो गई.
अंडों की महंगाई दर जून के 7.03% के मुकाबले जुलाई में 3.82% रही.
दूध और मिल्क प्रॉडक्ट की महंगाई 8.34% से बढ़कर 8.60% हो गई.
तेल और वसा की महंगाई 18.12% से घटकर 16.80% हो गई.
सब्जियों की कीमतें 0.93% की गिरावट की तुलना में 37.34% बढ़ीं.
दालों की महंगाई दर 10.53% के मुकाबले 13.27% रही.
कपड़े और जूते की महंगाई 6.19% के मुकाबले 5.64% रही.
हाउसिंग की महंगाई पिछले महीने के 4.56% के मुकाबले 4.47% रही.
फ्यूल और लाइट की महंगाई 3.92% से घटकर 3.67% हो गई.
जुलाई में महंगाई दर बढ़ने की एक बड़ी वजह टमाटर की कीमतें भी रहीं. ब्लूमबर्ग के मुताबिक कई एनालिस्ट्स ने ये अनुमान जताया था कि टमाटर की बढ़ती कीमतों की वजह रिटेल महंगाई दर 6.4% तक पहुंच सकती है. लेकिन ये उसके भी पार चली गई.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक जून में टमाटर की कीमतें 33 रुपये प्रति किलो थीं, जो कि पिछले महीने तीन गुना बढ़कर 110 रुपये प्रति किलो पहुंच गई, जबकि पिछले साल जुलाई में टमाटर के भाव 39 रुपये प्रति किलो थे.
टमाटर का रिटेल महंगाई दर में 0.57% का वेटेज है, यानी अगर टमाटर की कीमतें तीन गुना बढ़ती हैं तो तय है कि CPI में 1% से ज्यादा का इजाफा होगा.