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लेटरल एंट्री से मंत्रालयों में बहाली का विज्ञापन रद्द होगा, केंद्रीय मंत्री ने UPSC चेयरमैन को लिखा पत्र

ब्‍यूरोक्रेसी में लेटरल एंट्री के जरिए बहाली के समर्थन और विरोध में अलग-अलग आवाजें उठ रही थीं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी03:15 PM IST, 20 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
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Lateral Entry in Bureaucracy: केंद्र सरकार के मंत्रालयों में लेटरल एंट्री के जरिये अधिकारी के 45 पदों पर बहाली के लिए निकाला गया विज्ञापन रद्द करने का फैसला लिया गया है. यानी फिलहाल ये पद, लेटरल एंट्री के जरिए नहीं भरे जाएंगे.

ये विज्ञापन मंत्रालयों में ज्‍वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्‍टर और डिप्‍टी सेक्रेटरी के पदों पर बहाली के लिए निकाला गया था.

केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC चेयरमैन को पत्र लिखकर विज्ञापन कैंसिल करने को कहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के निर्देश के बाद उन्‍होंने UPSC चेयरमैन को पत्र लिखा.

समर्थन भी, विरोध भी 

ब्‍यूरोक्रेसी में लेटरल एंट्री के जरिए बहाली के समर्थन और विरोध में अलग-अलग आवाजें उठ रही थीं. विपक्ष लगातार इसका विरोध कर रहा था. समर्थन करने वालों का तर्क है कि इससे मंत्रालयों में इंडस्‍ट्री के एक्‍सपर्ट्स को यूटिलाइज किया जाना संभव होता. वहीं विरोध करने वालों का तर्क है कि ब्‍यूरोक्रेसी में UPSC की पूरी प्रक्रिया के साथ बहाली होनी चाहिए.

कांग्रेस ने की थी शुरुआत!

राहुल गांधी ने विरोध करते हुए कहा था कि लेटरल एंट्री के जरिए खुलेआम SC-ST और OBC वर्ग का हक छीना जा रहा है. उन्‍हें जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा था कि पूर्व PM मनमोहन सिंह को लेटरल एंट्री के जरिए ही 1976 में फाइनेंस सेक्रेटरी बनाया गया था. वहीं मोंटेक सिंह अहलूवालिया को योजना आयोग का उपाध्यक्ष और सोनिया गांधी को नेशनल एडवाइजरी काउंसिल (NAC) चीफ बनाया गया था. उन्‍होंने कहा था कि कांग्रेस ने लेटरल एंट्री की शुरुआत की थी. हमारी सरकार ने इसे व्‍यवस्थित किया.

कितना अनुभव था जरूरी? 

लेटरल एंट्री के लिए निकाले गए विज्ञापन के मुताबिक, ये नौकरियां 3 सालों के लिए कॉन्ट्रेक्ट बेस पर थीं. जॉइंट सेक्रेटरी पद के लिए 15 साल, डायरेक्टर के लिए 10 साल और डिप्टी सेक्रेटरी के लिए 7 साल का वर्क एक्सपीरियंस मांगा गया था. वहीं, पदों के हिसाब से एजुकेशनल क्वालिफिकेशन भी अलग-अलग निर्धारित की गई थी.

बहरहाल, अब विज्ञा‍पन ही कैंसिल किया जाने वाला है.

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