केंद्र सरकार ने शुक्रवार को वित्त मंत्रालय के अधिकारियों में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया. इस बदलाव के तहत चार नए सचिवों की नियुक्ति की गई है, जो मंत्रालय के महत्वपूर्ण विभागों की कमान संभालेंगे. ये नियुक्तियां वित्त मंत्रालय की नीतियों और कार्यप्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही हैं.
अरविंद श्रीवास्तव: रेवेन्यू सेक्रेट्री
1994 बैच के कर्नाटक कैडर के IAS अधिकारी अरविंद श्रीवास्तव को रेवेन्यू सेक्रेट्री नियुक्त किया गया है. श्रीवास्तव मार्च 2021 से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में एडिशनल सेक्रेट्री के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. मई 2023 में उनका कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ाया गया था. उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में B.Tech और मैसूर यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में MA किया है. इसके अलावा, लंदन यूनिवर्सिटी से डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स में M.Sc. की डिग्री भी हासिल की है.
अनुराधा ठाकुर: DEA सेक्रेट्री
1994 बैच की हिमाचल प्रदेश कैडर की IAS अधिकारी अनुराधा ठाकुर को आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) का सेक्रेट्री बनाया गया है. वे अभी कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) में एडिशनल सेक्रेट्री के पद पर कार्यरत हैं और MCA के तहत सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) के डायरेक्टर का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल रही हैं.
वुमलुनमंग वुअलनम: एक्सपेंडीचर सेक्रेट्री
1992 बैच के मणिपुर कैडर के सीनियर IAS अधिकारी वुमलुनमंग वुअलनम को व्यय विभाग (एक्सपेंडीचर) का सेक्रेट्री नियुक्त किया गया है. वे सितंबर 2023 से नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सेक्रेट्री के तौर पर काम कर रहे हैं. इससे पहले, 2023 में वह कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में एडिशनल सेक्रेट्री रहे. उनके पास कॉमर्स में बैचलर डिग्री (अकाउंटेंसी में विशेषज्ञता) और OP जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स की डिग्री है.
के. मोसेस चालाई: DPE सेक्रेट्री
के. मोसेस चालाई को डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज (DPE) का सेक्रेट्री नियुक्त किया गया है. हाल ही में DPE को वित्त मंत्रालय के तहत शामिल किया गया है, जिसे निजीकरण और वित्तीय प्रभाव को बढ़ाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है.
वित्त मंत्रालय देश की आर्थिक नीतियों का केंद्र है. इसके तहत आने वाले विभाग जैसे रेवेन्यू, आर्थिक मामले, व्यय, और सार्वजनिक उद्यम विभिन्न क्षेत्रों में नीतिगत निर्णय लेते हैं. इन नए सचिवों की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब वैश्विक और घरेलू आर्थिक चुनौतियां सामने हैं. इन अधिकारियों का अनुभव और शैक्षिक पृष्ठभूमि मंत्रालय को कर सुधार, फाइनेंशियल मैनेजमेंट और प्राइवेटाइजेशन जैसे सेक्टर में मजबूत कर सकता है.