राजस्थान बदल नहीं रहा, बदल चुका है और इस बार यहां सरकार रिपीट होगी, ये दावा है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का.
NDTV राजस्थान चैनल लॉन्च के मौके पर एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया से खास बातचीत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावों को लेकर तैयारियां पूरी होने का भरोसा जताया. उन्होंने कहा BJP को मालूम होना चाहिए कि इस बार पाला किससे पड़ा है, इस बार कांग्रेस का टार्गेट 156 सीटें जीतने का है.
गहलोत ने कहा कि देश में चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है. मध्य प्रदेश, कर्नाटक में ऐसा हुआ. लेकिन राजस्थान में वे समझ नहीं पा रहे हैं कि कैसे हमने 5 साल सरकार चला ली. अमित शाह और उनके शागिर्द राजस्थान में कांग्रेस की सरकार नहीं गिरा पाए. उन्हें इसका मलाल है.'
राजस्थान में BJP के प्लान के फेल होने और उसके जवाब में रिटैलिएशन पर गहलोत ने कहा, 'उन्हें पता होना चाहिए कि उनका पाला किससे पड़ा है.'
राजस्थान में PM मोदी के चेहरे पर BJP के चुनाव लड़ने से जुड़े सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा कि 'राजस्थान में PM मोदी कितना भी गुणा-भाग कर लें, यहां वे सफल नहीं होंगे. राजस्थान में एंटी इनकम्बेंसी नहीं है. पब्लिक का मूड सरकार रिपीट करने का है. इसलिए हम दोबारा चुनकर आएंगे.'
हमारा टार्गेट राजस्थान में 156 सीटें लाना है. 1998 में जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना था, तब भी हमें इतनी ही सीटें मिली थीं- अशोक गहलोत
वहीं कैंडिडेट सेलेक्शन को लेकर गहलोत ने कहा कि 'हमारी तैयारी पूरी है. हम योजनागत तरीके से चीजें करेंगे.' जबकि अपने विरोध में किसी अहम चेहरे के खड़े होने की बात पर गहलोत ने कहा कि अभी बीजेपी इसे खोज ही रही है.
'वन नेशन, वन इलेक्शन' के विचार को गहलोत ने बताया कि ये काफी पुराना विचार है. 1967 तक देश में एक साथ चुनाव होते थे. कई बार संसदीय समितियों और चुनाव आयोग ने इस पर अपने सुझाव दिए हैं. अगर स्टेकहोल्डर्स से बातचीत कर इसे लाया जाता तो बेहतर होता.
गहलोत ने कहा, 'लेकिन इस बार सरकार ने जल्दबाजी दिखाई. ये काम विपक्षी पार्टियों को साथ लेकर किया जा सकता था. इस पर बहस होनी थी. आप डेमोक्रेसी में विपक्ष को सम्मान नहीं दे रहे हैं.'
राष्ट्रपति का पद गरिमापूर्ण रहा है, मैंने कभी नहीं सुना कि किसी पूर्व राष्ट्रपति को कभी इस तरह की कमिटी का प्रमुख बनाया गया है. इसलिए मुझे BJP की नीयत पर शक है.अशोक गहलोत
वहीं पार्लियामेंट का विशेष सत्र बुलाने पर गहलोत ने कहा कि अभी तक केंद्र सरकार ने ये नहीं बताया है कि किस वजह से ये सत्र बुलाया गया है. ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.
फ्रीबीज से सरकार पर बढ़ते फिस्कल प्रेशर और कर्ज से जुड़े सवाल पर गहलोत ने कहा कि वे पूरे फाइनेंशियल मैनेजमेंट के साथ इस तरह की योजनाएं ला रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'सभी सरकारें कर्ज लेती हैं. केंद्र सरकार पर भी 1,55,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. हम तो बिना केंद्र सरकार की अनुमति के कर्ज भी नहीं ले सकते. अगर हमें कर्ज मिल रहा है, तो ये निश्चित है कि हमें संविधान के दायरे में मिली छूट के तहत की कर्ज मिल रहा है.'
गहलोत ने कहा, 'हमारी आर्थिक स्थिति काफी बेहतर है. आज उत्तर भारत के बड़े राज्यों में राजस्थान की GDP ग्रोथ सबसे ज्यादा है. पूरे देश की बात की जाए, तो आंध्र प्रदेश के बाद बड़े राज्यों में राजस्थान की GDP ग्रोथ ही सबसे ज्यादा है.'
गहलोत ने कहा कि अब राजस्थान पहले का राजस्थान नहीं रहा. अब राज्य में निवेश आ रहा है और उद्योग-धंधों को बल मिल रहा है. सरकार बनते ही MSME एक्ट पारित किया गया था.
उन्होंने कहा, 'हमने टूरिज्म को इंडस्ट्री का दर्जा दिया. ये लंबे समय से मांग थी. पहली बार हमने 1,000 करोड़ रुपये का टूरिज्म बजट रखा है. राजस्थान में पहले से अपार संभावनाएं थीं. उम्मीद है कि राजस्थान टूरिज्म में अब नंबर वन बनेगा.'
वहीं किसानों की दिक्कतों के समाधान की चर्चा करते हुए गहलोत ने बताया कि उनकी सरकार मिशन मोड पर इन समाधानों पर काम कर रही है. पहली बार किसानों के लिए अलग बजट पेश किया गया है.'
अशोक गहलोत ने राज्य में कानून-व्यवस्था के खराब होने की बात को सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कि 'इन आरोपों में दम नहीं है. अगर NCRB का डेटा उठाकर देखें तो असलियत पता चलेगी.'
गहलोत ने आगे कहा, 'दरअसल राज्य में अपराधी तेजी से पकड़े जा रहे हैं. ये संख्या ज्यादा बड़ी है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि यहां अपराध ज्यादा हो रहे हैं. हाल में उदयपुर हत्याकांड, जोधपुर रेप केस के आरोपियों को चंद घंटों में पुलिस ने पकड़ लिया.'
राजस्थान अब काफी बदल चुका है. पहले सूखे और अकाल की ही चर्चा होती थी. राज्य के बेहद पिछड़े होने की इमेज थी. लेकिन आज राजस्थान चर्चा के केंद्र में है. हमारी योजनाओं को दूसरी सरकारें अपने मेनिफेस्टो में शामिल कर रही हैं. हम देश में पहली बार राइट टू हेल्थ लेकर आए. आम जनों का 25 लाख का बीमा कर दिया.अशोक गहलोत
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में हर तरफ काम हुए हैं. शिक्षा के क्षेत्र में पहले छात्रों को पुणे और कर्नाटक के शहरों की तरफ जाना पड़ता था. लेकिन आज राज्य में IIT, IIM, लॉ यूनिवर्सिटीज, जर्नलिज्म यूनिवर्सिटीज, एम्स जैसे तमाम संस्थान मौजूद हैं. बाकी बिजली और पानी तो हमारी प्राथमिकताओं में हैं ही.
राजस्थान में जुलाई में 'गिग वर्कर्स बिल' पारित हुआ है. राजस्थान इस तरह का सुधार करने वाला पहला राज्य है. गहलोत ने कहा कि इस बिल का विचार उन्हें तब आया जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में कुछ गिग वर्कर्स आकर उनसे मिले और अपनी समस्याएं बताईं.
अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने पर्चे लीक पर काफी सख्ती अपनाई है. अब इसके लिए आजीवन कारावास की सजा का तक प्रावधान है.
गहलोत ने कहा कि इस समस्या से छात्रों में बहुत फ्रस्ट्रेशन बढ़ता है. हालांकि उनकी सरकार परीक्षा देने के लिए आने वाले छात्रों की पूरी मदद करने की कोशिश करती है, जैसे हाल में आयोजित परीक्षाओं में उन्हें सरकारी ट्रांसपोर्ट फ्री किया गया, लेकिन जब ये नाकाफी हुआ, तो प्राइवेट सेवाएं ली गईं. कलेक्टर्स को छात्रों को खाना और उनके रुकने की सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया.
गहलोत ने कहा कि वसुंधरा राजे ने सरकार में आने के बाद उन्हें काफी तंग किया. उनकी योजनाओं को बंद कर दिया. गहलोत ने बाड़मेर रिफाइनरी का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछली बार वसुंधरा सरकार आने के बाद उनकी 30,000 करोड़ रुपये की योजना को बंद कर दिया गया था, जिसे 5 साल बाद चालू करने पर खर्च 72,000 करोड़ रुपये का खर्च बैठा.
वसुंधरा जी ने अनाथ बच्चों को रोजगार की स्कीम बंद कर दी. लेकिन हमने ERCP (2017 में वसुंधरा सरकार के समय पर लाई गई स्कीम) पर काम जारी रखा है. हम 15,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं. हम बीजेपी की योजनाओं को बंद नहीं करते.
गहलोत ने कहा कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ताकतवर होने के बावजूद इस योजना के लिए केंद्र से मदद लाने में नाकाम रहे हैं.