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Road Accidents in India: नितिन गडकरी बोले- सड़क हादसों के गंदे रिकॉर्ड के चलते मुंह छिपाना पड़ता है, सामूहिक प्रयास जरूरी

नितिन गडकरी ने कहा, 'जब तक समाज का सहयोग नहीं मिलेगा, लोगों का व्यवहार नहीं बदलेगा और कानून का डर नहीं होगा, तब तक सड़क हादसों पर अंकुश नहीं लगेगा.'
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी12:34 PM IST, 12 Dec 2024NDTV Profit हिंदी
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केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को लेकर भारत का रिकॉर्ड इतना 'खराब' है कि उन्हें विश्व सम्मेलनों में मुंह छिपाना पड़ता है. सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय के तमाम प्रयासों के बावजूद सड़क हादसों में कमी नहीं आई. हादसे और बढ़ गए हैं.

उनके अनुसार, देश में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है और हर साल 1.7 लाख से अधिक लोगों की मौत ऐसी दुर्घटनाओं में हो जाती है.

हादसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी

PTI की रिपोर्ट के अनुसार, नितिन गडकरी ने कहा, 'जब तक समाज का सहयोग नहीं मिलेगा, लोगों का व्यवहार नहीं बदलेगा और कानून का डर नहीं होगा, तब तक सड़क हादसों पर अंकुश नहीं लगेगा.'

गडकरी ने कहा, 'सड़क हादसों में हर साल 1.7 लाख लोगों की मौत हो जा रही है. इतने लोग न लड़ाई में मरते हैं, न कोविड में मरते हैं और न ही दंगे में मरते हैं. मैं विश्व सम्मेलनों में जाता हूं तो मुंह छिपाता हूं. (दुर्घटनाओं का) सबसे गंदा रिकॉर्ड हमारा है.'

सबसे ज्‍यादा सड़क हादसे इन राज्‍यों में

  • उत्तर प्रदेश- 23652 (13.7%)

  • तमिलनाडु- 18,347 (10.6%)

  • महाराष्‍ट्र- 15,366 (9%)

  • मध्‍य प्रदेश- 13,798 (8%)

तुरंत उपचार के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सांसदों से कहा कि वे सड़क हादसों को रोकने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करें और परिवहन विभाग के सहयोग से स्कूलों आदि में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करें.

उनके मुताबिक, नीति आयोग की रिपोर्ट है कि सड़क हादसों के शिकार 30% लोगों की मौत, लाइफ सेविंग ट्रीटमेंट नहीं मिल पाने के कारण हो जाती है.

उन्होंने कहा, 'इसलिए उपचार के लिए कैशलैस योजना लाई गई है. उत्तर प्रदेश में इस पायलट परियोजना की शुरुआत हो रही है, इसके बाद पूरे देश में लागू की जाएगी.'

'लाइसेंस सिस्‍टम में सुधार कर रहे'

केंद्रीय मंत्री ने भारत में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा, 'दुनिया में जहां सबसे आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस बन जाता है, उस देश का नाम भारत है. हम इसमें सुधार कर रहे हैं.'

लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला ने भी संसद सदस्यों से कहा कि वे सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रयास करें और अपने स्‍तर पर समाज को जागरूक करने के लिए काम करें.

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