RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी अनुमानों के मुताबिक रही है. ब्याज दरों के अलावा रिजर्व बैंक का GDP और महंगाई को लेकर दी गई कमेंट्री से इस बात का इशारा मिलता है कि रिजर्व बैंक घरेलू आर्थिक स्थितियों को लेकर सहज हैं, लेकिन महंगाई और ग्रोथ को लेकर ग्लोबल चिंताएं अब भी मंडरा रही हैं, इसलिए लगाम ढीली नहीं रखना चाहते.
रिजर्व बैंक अकोमोडेटिव रुख को वापस लेने के अपने फैसले पर कायम है. गवर्नर शक्तिकांता दास ने बताया कि 6 में से 5 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट दिया.
रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि हमने महंगाई को काबू करने, ग्रोथ बढ़ाने और फाइनेंशियल सेक्टर में स्थिरता लाने में अच्छी तरक्की की है. भारत की ग्रोथ में तेजी लौटी है, महंगाई भी कम हो रही है. इससे हमें ये भरोसा मिला है कि हमारी पॉलिसी सही दिशा में है. हमेशा किसी भी सफर का आखिरी दौर मुश्किल होता है.
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024 में देश की रियल GDP ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान जताया है, यानी इस अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है. चारों तिमाहियों में वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में देश की GDP ग्रोथ 8% रहने का अनुमान है, जो कि पहले के अनुमान से थोड़ा ज्यादा है. वहीं, वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 6.5% पर रह सकती है. तीसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 6%, जबकि चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ 5.7% पर रह सकती है.
जहां तक महंगाई की बात है तो बीते दो बार से महंगाई की दर रिजर्व बैंक की सहज सीमा के भीतर है. अप्रैल में महंगाई दर 4.7% रही है, जो कि 18 महीने में सबसे कम महंगाई की दर है. रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि आने वाले समय में रिटेल महंगाई दर 4.6% से 5.4% के बीच रहेगी.
शक्तिकांता दास ने इस बार भी वही बात दोहराई, उन्होंने कहा कि महंगाई को लेकर वो 'अर्जुन की आंख' की तरह सतर्क हैं.
RBI गवर्नर ने वित्त वर्ष 2024 में CPI महंगाई दर 5.1% रहने का अनुमान जताया है, जो कि पहले 5.2% था. तिमाहियों में देखें तो वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में महंगाई 4.6% पर रह सकती है, जबकि दूसरी तिमाही में महंगाई 5.2% पर रह सकती है. वहीं, वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में ये 5.4%, जबकि चौथी तिमाही में 5.2% पर रह सकती है.