ADVERTISEMENT

Bulldozer Action: 'केवल आरोपी होने से घर नहीं गिरा सकते', सुप्रीम कोर्ट बोला- जल्‍द लाएंगे गाइडलाइंस

कोर्ट ने कहा, 'पहले नोटिस हो, जवाब देने का समय दिया जाए और तभी जाकर तोड़फोड़ हो.'
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी04:41 PM IST, 02 Sep 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

'बुल्‍डोजर जस्टिस' से जुड़े मामलों पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि किसी के घर-मकान केवल इसलिए नहीं तोड़े जा सकते कि वो आरोपी है. ऐसी कार्रवाइयों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसके लिए ऑल इंडिया लेवल पर गाइडलाइंस लाई जाएगी.

राजस्थान और मध्‍य प्रदेश के एक-एक पीड़ित की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गाइडलाइंस को लेकर सभी पक्षों से सुझाव मांगे गए हैं. जस्टिस BR गवई और जस्टिस KV विश्वनाथन की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही थी.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस रुख की सराहना भी की, जिसमें कहा गया है कि स्‍ट्रक्‍चर अवैध होते हैं, तभी गिराए जाते हैं. हालांकि कोर्ट ने कहा कि अवैध निर्माण गिराने से पहले भी कानून का पालन करना जरूरी है.

'जब आप स्‍वीकार कर रहे हैं तो...'

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस संबंध में पहले दाखिल हलफनामे का हवाला देते हुए कहा, 'किसी अचल संपत्ति को सिर्फ इसलिए नहीं ध्वस्त किया जा सकता क्योंकि आरोपी किसी आपराधिक अपराध में शामिल है और ऐसा विध्वंस केवल तभी किया जा सकता है जब संरचना अवैध हो.'

इस पर जस्टिस गवई ने कहा, 'यदि आप इसे स्वीकार कर रहे हैं तो हम इसके आधार पर गाइडलाइंस जारी करेंगे. सिर्फ इसलिए कि कोई व्यक्ति आरोपी है, विध्वंस कैसे किया जा सकता है?'

वहीं, जस्टिस विश्वनाथन ने कहा, 'इसके क्रियान्वयन में कुछ दिशा-निर्देश क्यों नहीं पारित किए जा सकते, ताकि इसका पालन हो. पहले नोटिस... जवाब देने का समय... कानूनी उपायों को अपनाने के लिए दिया गया समय... जवाब... और तभी जाकर तोड़फोड़ हो.' उन्‍होंने कहा, 'आपने जो कहा, वो उचित है और ऐसी ही गाइडलाइंस क्‍यों नहीं पारित की जा सकती!'

'दोषी भी है, तो भी घर नहीं गिरा सकते'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'अगर कोई दोषी भी है, तो भी घर नहीं गिराया जा सकता.' कोर्ट ने कहा, 'हम गैरकानूनी निर्माण के बचाव में नहीं हैं, लेकिन तोड़फोड़ के लिए कोई गाइडलाइन होनी चाहिए. अगर निर्माण अनधिकृत है, तो ऐसे मामलों में भी, कार्रवाई कानून के अनुसार होना चाहिए.'

इस पर तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा केवल नगर निगम के कानून के अनुसार ही किया जा सकता है. जस्टिस विश्वनाथन ने कहा, 'एक पिता का बेटा अड़ियल हो सकता है, लेकिन अगर इस आधार पर घर गिरा दिया जाता है, तो यह सही तरीका नहीं है.'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा क‍ि सभी पक्षों को सुनने के बाद हम इस मामले में गाइडलाइंस जारी करेंगे, जो देश भर में लागू होगा.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT