सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को वक्फ (संशोधन) कानून, Waqf Amendment Act 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की.
CJI ने आदेश में कहा कि अगली सुनवाई में केवल 5 रिट याचिकाकर्ता ही न्यायालय में उपस्थित होंगे. अदालत ने कहा कि सभी पक्ष आपस में तय करें कि उनकी पांच आपत्तियां क्या हैं. इससे पहले शीर्ष अदालत ने वक्फ कानून पर केंद्र सरकार को 7 दिन की मोहलत दी है.
इस दौरान केंद्र की दलील पर CJI ने कहा कि हम नहीं चाहते कि पोजीशन बदले. आप इस बात का भरोसा दीजिए कि संशोधित कानून के मुताबिक आप नई नियुक्ति नहीं करेंगे. रजिस्टर्ड वक्फ में भी कोई बदलाव नहीं होना चाहिए.
केंद्र सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर आप 'वक्फ बाय यूजर' को लेकर भी कुछ कहना चाहते है तो उसको लेकर हमारा पक्ष सुने. मैं इस बात को कह रहा हूं कि एक हफ्ते में कोई भी बदलाव नहीं होगा.
केंद्र की दलील पर CJI ने कहा कि हम बस चाहते है कि दूसरे पक्ष भी प्रभावित न हो. हम नहीं चाहते कि हालात बदलें. इस बात का भरोसा दीजिए कि आप संशोधित कानून के मुताबिक नई नियुक्ति नहीं करेंगे.
वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए CJI संजीव खन्ना ने कहा, ‘1995 के वक्फ अधिनियम और 2013 में किए गए संशोधनों को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को इस सूची से अलग से दिखाया जाएगा. 2025 के मामले में रिट दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं को विशेष मामले के रूप में जवाब दाखिल करने की स्वतंत्रता है. संघ और राज्य तथा वक्फ बोर्ड भी 7 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करेंगे.
वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि धारा 9 और 14 के तहत वक्फ काउंसिल और बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी. सुनवाई की अगली तारीख तक वक्फ बाय यूजर को न तो डिनोटिफाइड किया जाएगा और न ही कलेक्टर को बदला जाएगा.