अमेरिकी इकोनॉमी के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं. एक-एक करके रेटिंग एजेंसियों ने अपनी रेटिंग में कटौती करना शुरू कर दिया है. अब रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अमेरिका क्रेडिट रेटिंग में एक लेवल की कटौती कर दी है.
मूडीज ने अमेरिकी क्रेडिट स्कोर को Aaa से घटाकर Aa1 कर दिया है. इसके साथ ही, अमेरिका ने मूडीज रेटिंग्स (Moody's) की ओर से दी गई आखिरी टॉप क्रेडिट रेटिंग गंवा दी है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ये बढ़ते कर्ज और घाटे को लेकर बढ़ती चिंता को दिखाता है.
इससे पहले फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) और S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को टॉप ट्रिपल-A पोजिशन से कम ग्रेड दिया था.
हालांकि मूडीज ने अमेरिका के रेटिंग आउटलुक को निगेटिव से स्टेबल कर दिया है. नवंबर 2023 में मूडीज ने अमेरिका के आउटलुक को निगेटिव कर दिया था.
मूडीज ने एक बयान में कहा, 'हालांकि हम अमेरिका की महत्वपूर्ण आर्थिक और वित्तीय ताकत को पहचानते हैं, लेकिन हमारा मानना है कि ये अब राजकोषीय मेट्रिक में गिरावट का पूरी तरह से काउंटर-बैलेंस नहीं कर सकते.'
मूडीज ने बजट घाटे में बढ़ोतरी के लिए लगातार प्रशासन और वहां की कांग्रेस को दोषी ठहराया, जिसके बारे में उसने कहा कि इसमें कमी आने के कोई संकेत नहीं हैं. शुक्रवार को वाशिंगटन में सांसदों ने एक बड़े टैक्स और खर्च विधेयक पर काम को आगे बढ़ाया. इससे आने वाले सालों में फेडरल डेट में कई करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
ट्रेजरी विभाग और व्हाइट हाउस के प्रतिनिधियों ने टिप्पणी मांगने पर तुरंत जवाब नहीं दिया.
इस फैसले के बाद प्रमुख वित्तीय बाजारों में तेज प्रतिक्रिया देखने को मिली. 10-ईयर नोट पर ट्रेजरी यील्ड 4.49% तक बढ़ गई. S&P 500 को ट्रैक करने वाले एक एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड में पोस्ट-मार्केट ट्रेडिंग में 0.6% की गिरावट आई.
ब्रांडीवाइन ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के पोर्टफोलियो मैनेजर ट्रेसी चेन ने कहा, 'डाउनग्रेड से संकेत मिल सकता है कि निवेशक ट्रेजरी पर ज्यादा यील्ड्स की मांग करेंगे. जबकि फिच और S&P की ओर से पिछले अमेरिकी डाउनग्रेड के जवाब में अमेरिकी एसेट्स में तेजी आई. ये देखना बाकी है कि क्या बाजार अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है क्योंकि ट्रेजरी और अमेरिकी डॉलर का हेवन नेचर कुछ हद तक अनिश्चित हो सकता है.'
ये कदम ऐसे समय उठाया गया है जब फेडरल बजट डेफेसिट सालाना 2 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 6% से भी अधिक है. वैश्विक टैरिफ वॉर के मद्देनजर कमजोर अमेरिकी अर्थव्यवस्था घाटे को बढ़ाने के लिए तैयार है क्योंकि जब गतिविधि धीमी होती है तो सरकारी खर्च आम तौर पर बढ़ जाता है.
ये आउटलुक तब सामने आया है, जब कोविड के बाद से अत्यधिक बॉरोइंग की वजह से अमेरिका का ओवरऑल डेट लेवल पहले ही अर्थव्यवस्था के साइज को पार कर चुका है.