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Nuclear Weapons: परमाणु हथियारों के मामले में पाकिस्‍तान से आगे निकला भारत, चीन की चुनौती के लिए भी तैयार!

SIPRI की रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्‍यादातर देश परमाणु हथियारों के जखीरे को आधुनिक करने पर जोर दे रहे हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी09:57 AM IST, 19 Jun 2024NDTV Profit हिंदी
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न्‍यूक्लियर वेपन यानी परमाणु हथियारों के मामले में भारत, पाकिस्‍तान समेत कई देशों से आगे निकल गया है. देश में न्यूक्लियर वॉरहेड की संख्या 172 हो गई है. पिछले साल यानी 2023 में ये संख्‍या 164 थी. हमारे नए परमाणु हथियार लंबी दूरी के टारगेट पर निशाना साधने में सक्षम हैं.

वहीं पाकिस्‍तान की बात करें तो उसके पास 170 वॉरहेड मौजूद हैं. पिछले साल से ये आंकड़ा स्थिर है. स्वीडन के थिंक टैंक 'स्‍टाॅकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्‍टीट्यूट' यानी SIPRI की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है.

रूस के पास सबसे ज्‍यादा न्‍यूक्लियर वेपंस

SIPRI के मुताबिक, अमेरिका और रूस समेत 9 देशों ने बीते एक साल में अपने परमाणु जखीरे को आधुनिक करने पर जोर दिया है. इन देशों ने परमाणु क्षमता वाले कई नए हथियार भी तैनात किए हैं. रूस के पास सबसे ज्‍यादा (5,580) परमाणु हथियार हैं, वहीं 5,044 परमाणु हथियारों के साथ अमेरिका दूसरे नंबर पर है.

परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा चीन

चीन, किसी भी देश की तुलना में सबसे तेजी से अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है. चीन के पास फिलहाल 500 परमाणु हथियार हैं जो भारत के मुकाबले 3 गुना से भी ज्‍यादा है. चीन ने अपने परमाणु हथियार बैलिस्टिक मिसाइल पर फिट कर रखे हैं और उसे हाई ऑपरेशनल अलर्ट मोड पर रखा है.

SIPRI में सीनियर एसोसिएट फेलो और फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (FAS) में न्‍यूक्लियर इंफॉर्मेशन प्रोजेक्‍ट के डायरेक्‍टर ने कहा, 'चीन किसी भी अन्य देश की तुलना में अपने परमाणु जखीरे का तेजी से विस्तार कर रहा है. हालांकि सारे परमाणु-सशस्त्र देशों में न्‍यूक्लियर पावर बढ़ाने का या तो प्‍लान है या फिर महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं.’

वहीं भारत लंबी दूरी तक हमले में सक्षम हथियारों पर भी जोर दे रहा है. इस के नए परमाणु हथियार चीन पर निशाना साधने में भी सक्षम हैं.

कम हुई है पारदर्शिता

वर्ष 2021 में UNSC के सदस्य देशों ने परमाणु हथियारों को कम करने का रिजॉल्‍यूशन लिया था, इस राय के साथ कि परमाणु जंग कभी नहीं जीती जा सकती है और इनका इस्‍तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि ज्‍यादातर देश ताकत बढ़ाने में ही लगे हैं. SIPRI का कहना है कि रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से कई देश परमाणु हथियारों की जानकारी नहीं देना चाहिते हैं. इसमें पारदर्शिता घटी है.

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