अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डेलावेयर में चौथे क्वाड समिट का आयोजन किया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी समेत ऑस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्री भी शामिल हुए.
ये शिखर सम्मेलन चारों देशों के बीच साझा प्राथमिकताओं को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है जिसमें हेल्थ सिक्योरिटी, क्लाइमेट, इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट और एडवांस टेक्नोलॉजी जैसे मुद्दे शामिल हैं.
क्लाइमेट चेंज के बढ़ते खतरों को देखते हुए क्वाड देशों ने शुरुआती अलर्ट सिस्टम को बढ़ाने और क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई.
इस दिशा में ऑस्ट्रेलिया ने केबल कनेक्टिविटी और रेजिलिएंस सेंटर की शुरुआत की है, जिसका मकसद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क मजबूत करना है.
इसके अलावा अमेरिका ने भारत में सोलर मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने के लिए बड़ी फंडिंग का भी ऐलान किया. इसमें टाटा पावर सोलर को $250 मिलियन का फंड देने का ऐलान भी शामिल है.
पिछले 4 सालों में, क्वाड लीडर्स ने 6 बार बैठक की है, जिसमें कई स्तरों पर सभी देशों ने एक-दूसरे के सहयोग को बढ़ावा दिया है. 2025 में अमेरिका क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की अगली बैठक की मेजबानी करेगा.
इस समिट में एक महत्वपूर्ण पहल क्वाड हेल्थ सिक्योरिटी पार्टनरशिप रही. कोविड के बाद से स्वास्थ्य सुरक्षा पर जोर दिया जा रहा है. इस पार्टनरशिप का मकसद इंडो-पैसिफिक रीजन में महामारी की तैयारियों को मजबूत करना है.
भारत जल्द ही पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी पर एक श्वेत पत्र जारी करेगा और महामारी की तैयारी पर एक वर्कशॉप का भी आयोजन करेगा.
अमेरिका ने इस क्षेत्र के 14 देशों को $84.5 मिलियन की मदद देने का वादा किया है, ताकि COVID-19 और अन्य संक्रामक बीमारियों के खिलाफ बेहतर तरीके से मुकाबला किया जा सके.
इस बैठक में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने मिलकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कैंसर से बचाव के लिए मूनशॉट मुहिम की भी शुरुआत की, जिसका लक्ष्य कैंसर केयर इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाना है. साथ ही रिसर्च और बचाव के साथ कैंसर के इलाज में एक-दूसरे का सहयोग करना है.
इस मुहिम की लॉन्चिंग पर PM मोदी ने भी खुशी जताई और भारत की तरफ से पूरी तरह सपोर्ट का ऐलान किया.
क्वाड देश समुद्री सुरक्षा में सुधार के लिए काम कर रहे हैं. समंंदर में अवैध फिशिंग को रोकने और अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों को लागू करने पर जोर दिया जा रहा है.
2022 में शुरू हुई इंडो-पैसिफिक मैरिटाइम डोमेन अवेयरनेस पार्टनरशिप के तहत क्वाड ने कई देशों को अपने जल क्षेत्र की बेहतर निगरानी करने और अवैध गतिविधियों का मुकाबला करने में मदद की है.
इसके अलावा, अमेरिका और जापान क्वाड देशों के कोस्ट गार्ड के बीच सहयोग करेंगे, जबकि भारत 2025 में ट्रेनिंग के लिए पहली मैरीटाइम इनिशिएटिव की मेजबानी करेगा.
क्वाड नेताओं ने इमर्जिंग टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की बात कही है, जिसमें 5G और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्राथमिकता में रहें.
क्वाड ने पैसिफिक रीजन में पहला ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क लागू किया है और दक्षिण-पूर्व एशिया में भी इसी तरह के प्रोजेक्ट्स के विस्तार पर विचार कर रहा है. इसका उद्देश्य पूरे इंडो-पैसिफिक रीजन में सिक्योर टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम तैयार करना है.
क्वाड समूह, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर को लगातार प्राथमिकता दे रहा है, जिसका एक उदाहरण 'Quad Ports of the Future Partnership' है, ये प्रोजेक्ट इकोनॉमिक और लॉजिस्टिकल हब के रूप में काम करने वाले मजबूत पोर्ट का डेवलपमेंट करेगी.
2025 में, भारत मुंबई में 'रीजनल पोर्ट्स एंड ट्रांसपोर्टेशन कॉन्फ्रेंस' का आयोजन करेगा, जिससे इस रीजन का ग्लोबल ट्रेड में महत्व और बढ़ेगा. क्वाड, इंफ्रास्ट्रक्चर फेलोशिप प्रोग्राम के तहत 2,200 से ज्यादा एक्सपर्ट्स के साथ रीजनल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और निवेश आकर्षित करने के लिए तेजी से कैपेसिटी बढ़ाने पर काम कर रहा है.