अमेरिका की आर्थिक ग्रोथ में दूसरी तिमाही के दौरान उम्मीद से कहीं बढ़कर तेजी देखने को मिली है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, GDP में 2.4% की दर से बढ़ोतरी हुई है. इससे पिछले तीन महीनों में ये दर 2% की रही थी. वहीं, कंज्यूमर खर्च 1.6% की रफ्तार से बढ़ा है. ये अनुमान से ज्यादा है.
अमेरिका की अर्थव्यवस्था, इकोनॉमिस्ट्स की उम्मीदों से बेहतर स्थिति में है. मंदी की संभावनाओं को लेकर एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग है. लेकिन बेहतर श्रम बाजार, ग्राहकों का ज्यादा खर्च और अब घटती महंगाई ने उम्मीद दी है कि अमेरिका मंदी से बच जाएगा.
फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि फेड स्टाफ अब मंदी का अनुमान नहीं लगा रहा है. अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने बुधवार को ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की थी.
इसके बावजूद अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए कुछ चिंताएं भी मौजूद हैं. फेड की बेंचमार्क ब्याज दरें 22 साल की ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. अप्रैल से जून अवधि के दौरान 'पर्सनल कंजप्शन एक्सपेंडिचर प्राइस इंडेक्स' 2.6% की सालाना रफ्तार से बढ़ा है. खाने और ऊर्जा को छोड़कर, इंडेक्स दो साल से ज्यादा समय में सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ा है. जून का डेटा शुक्रवार को जारी किया जाएगा.
वहीं, जॉब मार्केट की स्थिति अर्थव्यवस्था को सहारे की अहम वजह बनी हुई है. गुरुवार को इससे जुड़ा डेटा जारी हुआ है. इसके मुताबिक, बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन फरवरी के आखिर के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. वहीं, पुराने क्लेम जो जारी हैं, वो भी जनवरी के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं.
GDP डेटा में दिखा है कि सर्विसेज का खर्च सालाना 2.1% की दर से बढ़ा है, जिसमें हाउसिंग और यूटिलिटी, हेल्थकेयर और फाइनेंशियल सर्विसेज शामिल हैं. सामान पर आउटले 0.7% की रफ्तार से बढ़ा है.
ब्लूमबर्ग की अर्थशास्त्री Anna Wong ने कहा कि दूसरी तिमाही की तेज GDP ग्रोथ दिखाती है कि महंगाई घटाने की फेड की कोशिशों के खिलाफ एक आर्थिक शक्ति काम कर रही है. अगर इस साल मंदी में देर होती है और वो टलती नहीं है, तो फेड को मौजूदा अनुमान से ज्यादा बढ़ोतरी करनी होगी और इसके पीछे सबसे बड़ी गुनहगार 'बाइडेनॉमिक्स' रहेगी.