यूरोप का सबसे ऊंचा शहर दावोस विश्व के सर्वाधिक शक्तिशाली नेताओं की वार्षिक बैठक वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के लिए तैयार है. स्विट्जरलैंड के करीब 5,000 सैन्य कर्मियों ने इस छोटे से स्कीइंग रिजॉर्ट शहर को अपने कंट्रोल में ले लिया है, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस और नागरिक कर्मियों की संख्या भी बढ़ गई है, जबकि ड्रोन और AI संचालित उपकरणों के साथ सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. जैसे नवीनतम गैजेट से लैस लोग भी शामिल हैं.
सोमवार से शुरू हो रही 5 दिन की मीटिंग में दुनियाभर से राजनीतिक और आर्थिक नेताओं का जुटान होगा, वहीं भारत की 'विविधता में एकता' की झलक देखने को मिलेगी. भारत इस बार अपना अबतक का सबसे बड़ा दल दावोस भेज रहा है. तमाम जरूरी अपडेट्स देने के लिए NDTV Profit की टीम भी दावोस में मौजूद है.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में पांच केंद्रीय मंत्री, तीन मुख्यमंत्री और कई राज्यों के मंत्रियों के साथ ही करीब 100 CEOs, सरकार, नागरिक समाज और कला और संस्कृति के क्षेत्रों से जुड़े दिग्गज शामिल हैं. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे.
दावोस रवाना होने से पहले उन्होंने कहा, 'वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में हमारी विचार प्रक्रिया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों, डिजिटल परिवर्तन और जिस तरह से भारत ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत एक नया डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, उसे समझने में बहुत रुचि है.'
वैष्णव के साथ चार केंद्रीय मंत्री- CR पाटिल, चिराग पासवान, जयंत चौधरी और के राम मोहन नायडू भी होंगे. महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एन चंद्र बाबू नायडू और ए रेवंत रेड्डी भी बैठक में शामिल होंगे. इसके अलावा, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री DK शिवकुमार और तमिलनाडु के TRB राजा, केरल के पी राजीव सहित कई अन्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री भी यहां मौजूद रहेंगे.
उत्तर प्रदेश की भी मौजूदगी दावोस में दिखेगी. यहां नेताओं में अभी से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. महाराष्ट्र सरकार ने WEF की वार्षिक बैठक में सात लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने का लक्ष्य रखा है. वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेड्डी अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी डी श्रीधर बाबू और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निवेश के अपने हिस्से की तलाश कर रहे हैं.
बैठक से पहले, दुनियाभर के मुख्य अर्थशास्त्रियों के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि उन्हें 2025 में वैश्विक आर्थिक स्थितियों के कमजोर होने की आशंका है. हालांकि, भारत अपनी कुछ रफ्तार गंवाने के बावजूद मजबूत वृद्धि दर्ज करेगा.
अपने ताजा मुख्य अर्थशास्त्रियों के परिदृश्य में, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2025 में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. सर्वेक्षण में शामिल 56% मुख्य अर्थशास्त्रियों ने स्थितियों के कमजोर होने की आशंका जताई. केवल 17% अर्थशास्त्रियों का मानना था कि स्थिति में सुधार होगा.
सर्वेक्षण के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के 2025 में मजबूत वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है. दक्षिण एशिया, विशेष रूप से भारत भी मजबूत वृद्धि की रफ्तार बनाए रखेगा.
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सहित दुनिया के शीर्ष 60 राजनीतिक नेता WEF की बैठक को संबोधित करेंगे.