चीनी शेयरों के घटते दाम और भारतीय शेयरों में शानदार उछाल के बावजूद जेफरीज फाइनेंशियल ग्रुप के क्रिस वुड (Chris Wood) भारतीय शेयरों को बेचने और चीनी शेयर खरीदने का मन नहीं जुटा पा रहे हैं.
ग्रीड एंड फियर के हालिया नोट के मुताबिक, वुड का भारत में पोर्टफोलियो डॉलर टर्म्स में ईयर-टू-डेट आधार पर 41.2% बढ़ा है और चीन का 21.2% टूटा है. यही नहीं वुड के लिए भारतीय पोर्टपोलियो में सबसे ज्यादा चढ़ने वाले शेयर 309% चढ़ा है और चीन का सबसे ज्यादा टूटने वाला शेयर 55% टूटा है.
वुड ने लिखा, 'आम तौर पर ऐसे मौके पर साफ सिग्नल मिलता है कि चीनी शेयर खरीदे जाएं और भारतीय शेयर बेचे जाएं'.
लेकिन ग्रीड एंड फियर का मानना है कि 'ऐसे नाटकीय बातों पर हमारा कोई भरोसा नहीं है'. उन्होंने कहा, 'कोई और भी ऐसा नहीं करेगा हालांकि चीन में पॉलिसी लेवल पर कोई पॉजिटिव सरप्राइज होता है तो वहां का बाजार किसी भी मौके पर आउट परफॉर्मेंस दिखा सकता है.
वुड का कहना है कि भारत की इकोनॉमी में इस दौरान खर्च करने के मुकाबले निवेश पर जोर ज्यादा है, जबकि 1 दशक पहले ये पैटर्न बिल्कुल इसके उलट था.
रियल प्राइवेट कंजप्शन सालाना आधार पर 3.1% बढ़ा है, जबकि रियल ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल निर्माण 11% बढ़ा है. कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग में 13.3% और 13.9% की तेजी के चलते 2023 की तीसरी तिमाही में रियल GDP में शानदार तेजी आई है.
जेफरीज में इंडिया रिसर्च के हेड महेश नंदुरकर (Mahesh Nandurkar) के मुताबिक, जो एक बात गौर करने वाली है, अक्टूबर महीने में 8-कोर इंडस्ट्रीज में 12% की ग्रोथ है. जून 2022 के बाद ये दूसरी सबसे ज्यादा बड़ी ग्रोथ है. अगस्त में 12.5% की ग्रोथ रही थी.