अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) हिंदू और जैन धर्म के लिए प्रसिद्ध त्योहार है. अक्षय तृतीया के मौके पर सोने में निवेश को बहुत शुभ माना जाता है. ये बात सच है कि सोने में खरीदारी का ख्याल जब आता है तो फिजिकल गोल्ड का स्पर्श ही संतुष्टि देता है, लेकिन बदलते वक्त के साथ सोने में निवेश का स्वरूप भी बदला है, क्योंकि सोने में निवेश करना और उसे इस्तेमाल करने के लिए खरीदना दोनों अलग-अलग चीजें हैं. ऐसे में अगर आपको सोने में निवेश करना है तो फिजिकल सोने में खरीदारी के अलावा और भी कई विकल्प मौजूद हैं.
फिजिकल गोल्ड हमेशा से खरीदा जाता रहा है. नजदीकी गोल्ड ज्वेलरी की दुकान पर या फिर पारिवारिक सोने वाले सेठ जी के पास सोना खरीदने जा सकते हैं. सोने के सिक्के, सोने की ज्वेलरी, सोने की ईंट आदि आदि... सोने में निवेश हमेशा से किया जा रहा है और ये उन एसेट में है, जिनकी कीमत हमेशा बढ़ती रहेगी.
लेकिन, इस फिजिकल गोल्ड के साथ कुछ बड़े लेवल की समस्याएं हैं. सोना खरीदने के लिए सरकार को दूसरे देशों से भारी मात्रा में सोना खरीदना पड़ता है. उसके लिए सरकार को बड़ी मात्रा में पैसा खर्च करना पड़ता है. दूसरे देशों की मोटी कमाई इस सोने को बेचकर होती है.
सरकारों के लिए सोना खरीदना एक थोड़ा मुश्किल और खर्चीला काम है, वहीं हम जैसे सोना खरीदने वाले के लिए सोने की सुरक्षा करना भी चुनौती भरा है.
इसी समस्या से निपटने के लिए, सरकार ने RBI के जरिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स की स्कीम शुरू की. यही सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) निवेश का एक दूसरा जरिया हैं, जिसके बारे में आप इस अक्षय तृतीया सोच सकते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स यानी SGBs में निवेश करना सोना खरीदने के अलावा एक अच्छा विकल्प है. इस गोल्ड की गारंटी आपको देश की सबसे भरोसेमंद संस्थाओं में एक RBI से मिलती है. इसमें आप 1 ग्राम से लेकर 4 किलोग्राम तक SGBs खरीद सकते हैं. एक अच्छा फायदा ये है कि आपको इस सोने पर 2.5% सालाना ब्याज भी मिलता है. RBI सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स स्कीम को जारी करती है. इसमें मार्केट रेट से 50 रुपये कम भाव पर सोना मिलता है. इसका लॉक इन पीरियड 5 साल का और मैच्योरिटी पीरियड 8 साल का होता है. इस साल से आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स में निवेश शुरू कर सकते हैं.
ये 99.50% शुद्धता वाले गोल्ड में निवेश करते हैं, ये सोने की कीमत से लिंक्ड होते हैं. इनकी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग होती है, 1 यूनिट 1 ग्राम फिजिकल गोल्ड के बराबर होता है.
अक्षय तृतीया के मौके पर गोल्ड ETFs में निवेश एक बढ़िया मौका हो सकता है. एक निवेशक के तौर पर गोल्ड ETFs में निवेश एक अच्छा सौदा है. बीते कई साल में गोल्ड ETFs के लिए लोगों की रुचि बढ़ी है.
ICRA एनालिटिक्स के MFI एक्सप्लोरर के मुताबिक, दिसंबर 2019 में गोल्ड ETFs AUM जहां 5,527.76 करोड़ रुपये का था, वो कोविड-19 के बाद 150% बढ़कर 13,819.39 करोड़ रुपये हो गया. दिसंबर 2023 में गोल्ड ETFs AUM बढ़कर 25,959.02 करोड़ रुपये हो गया. जैसे कोई शेयर खरीदते हैं, ठीक उसी तरह गोल्ड ETFs में भी निवेश किया जा सकता है.
द इन्फिनिटी ग्रुप के फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर विनायक मेहता (Vinnaayak Mehta) ने कहा, सोने की बढ़ती कीमतों के बीच उसके विकल्प खोजना जरूरी है. मार्केट की परिस्थितियों, इन्वेस्टमेंट गोल और समझ कम होना निवेशकों को मुश्किल में डाल सकता है. वहीं, गोल्ड ETFs में लिक्विडिटी भी है और सुविधा भी. नए निवेशकों के लिए गोल्ड के अलावा अपने निवेश को डाइवर्सिफाई करना लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न बहुत जरूरी है.
जीरोधा फंड हाउस के CEO विशाल जैन के मुताबिक, 'गोल्ड ETFs में निवेश से लिक्विडिटी, कम-कॉस्ट और सुरक्षा से जुड़े तमाम फायदे हैं. गोल्ड ETFs में निवेश कर आप गोल्ड की सुरक्षा करने, शुद्धता की चिंता करने और उसके इंश्योरेंस के बारे में सोचने के झंझट से बच सकते हैं'.
ये इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश का तरीका है. इसे ऑनलाइन खरीदकर सुरक्षित वॉल्ट में रखा जाता है. आप इसे फिजिकल गोल्ड में बदलवा भी सकते हैं
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल में भारत के रीजनल CEO सचिन जैन (Sachin Jain) ने कहा, 'भारत में होने वाले त्योहारों में सोना उसके केंद्र में है. अक्षय तृतीया के मौके पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. हम डिजिटल गोल्ड प्लेटफॉर्म के जरिए सोने के सिक्के, बार और ज्वेलरी खरीदने की सलाह देते हैं. '.
अक्षय तृतीया के मौके पर सोना खरीदने से अच्छा है क्यों न सोना का बिजनेस करने वाली कंपनी ही खरीद ली जाए. सोना तो सदा के लिए है ही, लेकिन सोने से जुड़ी कंपनी में निवेश भी कम नहीं. हाल ही में सेन्को गोल्ड अपना IPO लेकर आई. इसके साथ ही, सोने से जुड़ा बिजनेस करने वाली कंपनियों में टाइटन, राजेश एक्सपोर्ट्स, कल्याण ज्वेलर्स, थांगामायिल ज्वेलरी और PC ज्वेलर्स जैसे कुछ नाम हैं, जिनके शेयर आप खरीद सकते हैं.