ADVERTISEMENT

Diwali 2024: बीते 10 साल में सोने के निवेशकों की हुई चांदी! मिला 3 गुना से ज्यादा रिटर्न, जानें एक दशक में कहां से कहां पहुंचा सोना

मौजूदा साल में सोने ने अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है साल के शुरुआती हफ्ते से लेकर अब तक सोने ने कुल 30% से भी ज्यादा रिटर्न दिया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:34 PM IST, 28 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

भारत में सोना सांस्कृतिक और आर्थिक तौर पर बहुत अहमियत रखता है. इसे संकट का साथी भी कहा जाता है. और जब बात निवेश की आती हो तो हर भारतीय इसपर आंख मूंद कर भरोसा कर लेता है. यूं तो निवेश के कई तरीके हैं पर भारत में सोने को परंपरागत तौर पर निवेश का सबसे बेहतर और सुरक्षित जरिया माना जाता है.

बीते 10 साल में दिवाली के दौरान सोने की कीमतों पर गौर करने पर पता चलता है कि सोने ने न सिर्फ रिटर्न के मामले में लोगों के विश्वास को बनाए रखा है बल्कि बाजार की विपरीत परिस्थितियों में निवेशकों का संकटमोचन बन उनके पैसों को डूबने से भी बचाया है.

10 साल में कितनी बढ़ी सोने की कीमतें

MCX पर साल 2015 की दिवाली में 10 ग्राम सोने का भाव 25,000 रुपये के करीब था जो आज 2024 में 78,500 रुपये प्रति 10 ग्राम से भी ज्यादा है. यानी सोने ने बीते 10 साल में अब तक 3 गुना से भी ज्यादा का रिटर्न दिया है.

अगर सिर्फ दिवाली से दिवाली की तुलना करें तो सोने की चमक सबसे ज्यादा बढ़ी है. पिछली दिवाली और धनतेरस के हफ्ते में सोना 60,700 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब था. पिछली दिवाली से लेकर इस दिवाली तक सोने के निवेशकों को करीब 30% रिटर्न मिला है.

मौजूदा साल में सोने ने अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है साल के शुरुआती हफ्ते में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना 62,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था, वहीं 25 अक्टूबर को सोना 78,532 रुपये पर बंद हुआ. यानी साल की शुरुआत से अब तक सोने ने करीब 16,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़त हासिल की है.

बीते 10 साल में कहां से कहां पहुंचा सोना

भरोसे पर 'खरा' उतरा सोना

युद्ध और डॉलर की मजबूती जैसी कई प्रतिकूल परिस्थितियों में जब बाजार में गिरावट की आशंका बढ़ जाती है तब लोगों का सोने के प्रति विश्वास और भी मजबूत हो जाता है. लोग मुश्किल वक्त में अपने पैसों को किसी सुरक्षित जगह पर निवेश करना चाहते हैं तो सोना का विकल्प सबसे पहले सामने आता है.

अभी हाल ही में मनीव्यू के सर्वे में ये बात निकल कर सामने आई की आज भी निवेश के मामले में सोना 70% भारतीयों की पहली पसंद है. इस सर्वे में भाग लेने वाले 3,000 में से 85% लोगों का मानना है कि वेल्थ क्रिएट करने के लिए सोना एक जरूरी एसेट है. सर्वे के आकड़ों के मुताबिक, 35 वर्ष से कम के 75% लोग सोने में निवेश के लिए फिजिकल की अपेक्षा डिजिटल गोल्ड को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं.

दुनिया के सबसे बड़े स्वर्णधारक हैं भारतीय परिवार

भारत में हमेशा से सोने को निवेश का सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है, यही कारण है कि, भारतीय ज्यादा से ज्यादा गोल्ड में निवेश करते हैं. WGC यानी वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय परिवारों के पास 25,000 टन सोना होने का अनुमान है, जिसकी कुल कीमत लगभग 126 लाख करोड़ रुपये है. जो कई देशों की GDP और कई विकसित देशों के कुल स्वर्ण भंडार से भी ज्यादा है. देश में शादी-विवाह या त्योहारों पर गोल्ड खरीदने का रिवाज है इसके अलावा भारतीय परिवारों में सोना एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ट्रांसफर होता है. एक रिपोर्ट ये भी कहती है कि दुनिया का 11% सोना अकेले भारतीय घरों में पाया जाता है.

सोने और चांदी की कीमतों में तेजी क्यों?

अब सोने की कीमतों में तेजी क्यों है, इसके घरेलू और वैश्विक दोनों ही कारण है, एक नजर उन पर भी डालते हैं.

शादी और त्योहार में बढ़ी मांग

सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्डतोड़ तेजी ऐसे समय पर आ रही है जब देश में शादियों का सीजन शुरू हो रहा है और त्योहारों की रौनक बाजार में दिखने लगी है. धनतेरस, दिवाली और शादी में वैसे भी सोने और चांदी की डिमांड बढ़ जाती है, ऐसे में लोगों को गोल्ड शॉपिंग पर ज्यादा खर्च करना पड़ता है. भारत में शादियों के सीजन में जितनी खरादीरी होती है, वो पूरे साल होने वाली खरीदारी का 50% है. इससे समझा जा सकता है कि वेडिंग सीजन में सोने की कितनी डिमांड रहती है, ऐसे में कीमतों का बढ़ना लाजिमी है.

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव

घरेलू बाजार में सोने की कीमतों पर वैश्विक कारणों का भी असर है, सबसे बड़ा फैक्टर है अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव, क्योंकि इस चुनाव को लेकर अब बाजार में अनिश्चितता फैल गई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है. कई सारे पोल्स में डोनल्ड ट्रंप आगे चल रहे हैं तो कई में कमला हैरिस ने बढ़त बनाई हुई है. यानी दोनों के बीच कड़ी टक्कर है. अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं.

US बॉन्ड यील्ड

भले ही अमेरिका की 10 साल की बॉन्ड यील्ड 4.25% के पार निकल गई है और लगातार इसके ऊपर बनी हुई है. जिससे इस बात की आशंका बढ़ जाती है कि फेड दरों में कटौती को थोड़ा धीमा कर सकता है, बावजूद इसके निवेशक इस साल रेट कट की उम्मीद लगाए बैठे हैं. जब ब्याज दरों में कटौती होती है तो सोने की कीमतें ऊपर चढ़ती हैं.

मिडिल ईस्ट तनाव

मिडिल ईस्ट में तनाव शांत नहीं हो रहा है. इजरायल ने ईरान के ठिकानों पर हमला कर दिया है. इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ा है. किसी भी तरह की सुलह की गुंजाइश नहीं दिखने से निवेशक एक सुरक्षित निवेश की ओर रुख कर रहे हैं, जो कि सोना है. इससे सोने की खरीदारी बढ़ी है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT