जो कंसल्टेंट्स या प्रोफेशनल्स बिजनेस के जरिए कमाई करते हैं, उन्हें मौजूदा वित्त वर्ष में ओल्ड टैक्स रिजीम को चुनने का विकल्प मिलेगा. 21 जून को, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इससे जुड़ा फॉर्म नोटिफाई किया है. अगर कोई व्यक्ति ओल्ड टैक्स रिजीम को चुनना चाहता है, तो उसे ये फॉर्म भरना होगा. फाइनेंस एक्ट, 2023 ने न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट ऑप्शन बना दिया है.
Grant Thornton Bharat में पार्टनर अखिल चंदना ने कहा कि फॉर्म 10-IEA को अब एक नोटिफिकेशन के जरिए पेश किया गया है, जो खास तौर पर कारोबारियों के लिए है, जो न्यू टैक्स रिजीम से बाहर रहना और ओल्ड टैक्स रिजीम को चुनना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि 'न्यू टैक्स रिजीम अब डिफॉल्ट है. तो, पुराने वाले को चुनने के लिए, व्यक्ति को इस फॉर्म में डिटेल्स भरनी होंगी और उन्हें टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख से पहले भरना होगा. उन्हें ये इलेक्ट्रॉनिकली डिजिटल सिग्नेचर या OTP के साथ फाइल करना होगा.'
जहां सैलरीड लोग हर साल दो टैक्स रिजीम के बीच स्विच कर सकते हैं. वहीं, कंसल्टेंट और प्रोफेशनल्स अपने जीवन में सिर्फ एक बार ही न्यू टैक्स रिजीम से ओल्ड टैक्स रिजीम में स्विच करने का मौका मिलेगा. इसका मतलब है कि अगर कंसल्टेंट या प्रोफेशनल FY23 में न्यू टैक्स रिजीम में स्विच करता है, तो वो FY24 या किसी बाद के वित्त वर्ष में ओल्ड टैक्स रिजीम में स्विच नहीं कर सकेगा.
लक्ष्मीकुमारन और श्रीधरन में एग्जीक्यूटिव पार्टनर एस वासुदेवन ने कहा कि बिजनेस से कमाई करने वाले लोग क्यों ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम के बीच एक बार से ज्यादा स्विच नहीं कर सकेंगे, इसकी एक वजह ये है कि वो डेप्रिसिएशन जैसे अलाउंसेज के लिए योग्य होते हैं.
वासुदेवन ने बताया कि हर स्विच ओवर से नई तरह की जटिलताएं पैदा होती हैं, जैसे एसेट्स की रिटन डाउन वैल्यू का रीकैलकुलेशन. दूसरी तरफ, सामान्य सैलरीड कर्मचारी हर साल इस स्विच ओवर ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं.