आज के समय में महंगाई ने मिडिल क्लास को परेशान किया हुआ है. कम सैलरी में कैसे बजट बनाएं? कैसे सेविंग करें? ये वो सवाल हैं जो आम आदमी के दिमाग में हर समय घूमते ही रहते हैं. सैलरी आई नहीं कि लोन की EMI, क्रेडिट कार्ड का बिल, घर का रेंट, बिजली का बिल सब पैसा खाने के लिए तैयार हो जाते हैं. देखते ही देखते पहले महीने के पहले हफ्ते में बैंक अकाउंट खाली हो जाता है. पता ही नहीं चलता कि खर्चा क्या हुआ? ना कहीं ज्यादा बाहर गए, ना बाहर का खाना खाया. फिर भाई पैसे गए तो गए कहां? ये कुछ सवाल हर मिडिल क्लास के दिमाग में जरूर आता होगा. इसलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप कम सैलरी में अपने घर का बजट बना सकते हैं. जिससे कुछ हद तक बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है.
आप अपने घर का बजट जब भी बनाएं तो 40-30-20-10 का रूल फॉलो करें. मान लीजिए आप महीने के 30 हजार रुपए कमाते हैं. तो टोटल सैलरी में से 40% यानी 12 हजार रुपए जरूरी खर्चे, जैसे घर का रेंट, बिजली का बिल, बच्चों की फीस, घर का सामान आदि के लिए एक तरफ रख दें. फिर बारी आती है 30% यानी 9 हजार रुपए की. ये आप अपने घूमने फिरने, बाहर खाना खाने, मूवी देखने, मौज मस्ती के लिए रखें. इसके बाद 20% यानी 6 हजार रुपए आप इमर्जेंसी फंड के लिए बैंक में रख सकते हैं. बाकि के 10% यानी 3 हजार रुपए की आप कहीं SIP के तौर पर निवेश कर सकते हैं.
इस रूल से अगर आप अपने घर का बजट बनाते हैं तो कर्ज, डिफॉल्ट इन सभी समस्याओं से दूर रह सकते हैं. इन सभी के साथ कुछ बातें आपको ध्यान में रखनी है. जो आपके बचत करने में मददगार साबित हो सकती हैं.
अपने खर्चों को ट्रेक करें. यानी महीने की एक लिस्ट बनाएं. जिससे आपको आइडिया रहेगा कि कहां फालतू खर्चा हो रहा है.
शॉपिंग पर जाने से पहले अपनी जरूरती चीजों की सूची बना लें. होगा ये कि जो सामान लेना है, वही आप खरीद कर घर लाएंगे.
मॉल की बाय-वन गेट टू की पॉलिसी में ना फंसें. इससे बहुत चीजें फालतू घर आने का डर रहता है.
शॉपिंग के लिए मॉल की जगह किराने की दुकान या शोरूम का इस्तेमाल कर सकते हैं.
साथ ही फेस्टिव सीजन में चल रहीं कई सेलों का भी फायदा लिया जा सकता है.
इंस्टेंट पर्सनल लोन के चक्कर में ना पड़ें. 40 से 50% की सालाना दर से ये ऐप ब्याज वसूलते हैं.