देश के करोड़ों पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ सकती है. खबरों के मुताबिक, केंद्र सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत मिलने वाली न्यूनतम मासिक पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये करने पर विचार कर रही है. यानी पेंशन में 650% की भारी बढ़ोतरी संभव है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक संसदीय समिति EPS में संशोधन का मूल्यांकन करने जा रही है.
बता दें कि 16 नवंबर 1995 को लॉन्च कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) वो स्कीम है, जिसे EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने संगठित क्षेत्र के लिए शुरू किया था, ताकि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक सुनिश्चित पेंशन मिल सके.
इस योजना के तहत, नियोक्ता (Employer) कर्मचारी के वेतन का 8.33% EPS में जमा करता है. वहीं, केंद्र सरकार की ओर से भी 1.16% का अतिरिक्त योगदान होता है. ये राशि हर महीने की समाप्ति के 15 दिन के अंदर जमा करनी होती है.
कर्मचारियों को EPS के तहत ₹1,000 से ₹2,000 तक की न्यूनतम पेंशन दी जाती है. 1 सितंबर 2014 से सरकार ने इसके लिए अतिरिक्त बजटीय प्रावधान किया था, लेकिन उसके बाद से अब तक इस राशि में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
पिछले कई वर्षों से श्रम संगठनों और ट्रेड यूनियनों की मांग रही है कि EPS की न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी की जाए, क्योंकि महंगाई लगातार बढ़ रही है और ₹1,000 की राशि में बुजुर्गों का गुज़ारा मुश्किल हो रहा है. अब इस दिशा में सकारात्मक संकेत मिले हैं.
फाइनेंस एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, संसदीय समिति ने EPS की समीक्षा के लिए श्रम मंत्रालय को कहा है. इस समिति की अध्यक्षता BJP सांसद बसवराज बोम्मई कर रहे हैं. समिति चाहती है कि 2025 के अंत तक EPS की थर्ड-पार्टी से स्वतंत्र समीक्षा पूरी कर ली जाए. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि
2014 की तुलना में 2024 में जीवन यापन की लागत कई गुना बढ़ गई है.
ऐसे में न्यूनतम पेंशन ₹1,000 अब नाकाफी है. इसे तर्कसंगत रूप से बढ़ाने की ज़रूरत है."
समिति ने ये सुझाव भी दिया है कि न्यूनतम EPS पेंशन ₹7,500 तक बढ़ाई जा सकती है.
अगर ये सिफारिशें स्वीकार कर ली जाती हैं, तो EPS के तहत पेंशन लेने वालों को बहुत राहत मिल सकती है. हालांकि अंतिम फैसला सरकार की समीक्षा और बजट अनुमोदन के बाद ही होगा.