ADVERTISEMENT

April CPI Review: घटती महंगाई के बीच RBI कर सकता है ब्याज दरों में बदलाव, बोले एक्सपर्ट

वित्त वर्ष 2026 के लिए, ज्यादातर ब्रोकरेज अब औसत CPI का अनुमान 3.7 से 3.8% के आसपास लगा रहे हैं, जो पिछले अनुमानों से थोड़ा कम है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी06:46 PM IST, 14 May 2025NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

आने वाले दिनों में कर्ज सस्ता हो सकता है. वजह है घटती महंगाई दर. मंगलवार को जारी रिटेल महंगाई के आंकड़े अप्रैल 2025 में सालाना आधार पर घटकर 3.16% रह गई, जो लगभग 6 सालों में सबसे कम है. एक्सपर्ट को उम्मीद है कि ये गिरावट मई में भी जारी रहेगी. मई में ये 2.8% से 3.3% तक होने का अनुमान है. इन आंकड़ों से उम्मीद कर सकते हैं कि RBI रेट में कटौती का ऐलान कर सकता है.

मानसून सामान्य रहने का अनुमान

अप्रैल में खाद्य महंगाई गिरकर 2.1% पर आ गई. इस साल मानसून सामान्य रहने का अनुमान है तो सप्लाई में कोई कमी नहीं रहेगी, जिससे सब्जी, दाल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है. हालांकि कोर महंगाई (खाद्य और ईंधन को छोड़कर) साल-दर-साल बढ़कर 4.4% हो गई, जो 19 महीनों में सबसे ज्यादा है. इसकी बड़ी वजहों में सोने की कीमतें भी शामिल हैं. वित्त वर्ष 2026 के लिए, ज्यादातर ब्रोकरेज अब औसत CPI का अनुमान 3.7-3.8% के आसपास लगा रहे हैं, जो पिछले अनुमानों से थोड़ा कम है.

दरों में 25 बेस प्वाइंट की हो सकती है कटौती

बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) ने मजबूत होते रुपए का हवाला देते हुए कोर महंगाई के लिए अपने पूर्वानुमान को 4.1% से बदलकर 3.8% कर दिया है. वहीं Citi ने अपने वित्त वर्ष 26 के अनुमान को 3.8% पर बरकरार रखा. अब जब महंगाई काबू में है तो RBI अपनी दरों में कटौती कर सकता है. जून की मॉनेटरी पॉलिसी में 25 बेस प्वाइंट की कटौती की उम्मीद कर सकते हैं. जिससे रेपो रेट 5.75% हो जाएगी. अभी के समय भारत में रेपो रेट की दर 6% है.

हालांकि, सभी ब्रोकरेज कंपनियों ने कहा है कि वैश्विक व्यापार में तनाव, करेंसी में लगातार बदलाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पॉलिसी की वजह से हो सकता है RBI अभी दरों में कटौती ना करे.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT