अगले साल की शुरुआत तक GDP, महंगाई दर (CPI) और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स (IIP) के नए आंकड़े जारी होंगे. फरवरी 2026 तक नई सीरीज आ सकती है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने NDTV Profit को ये जानकारी दी है.
IIP के बेस ईयर यानी आधार वर्ष को बदलने पर भी काम चल रहा है. जानकारों के अनुसार IIP का आधार वर्ष FY2023 होगा, और इसमें इंडस्ट्रीज के वेटेज को भी बदला जाएगा.
IIP, GDP और CPI के आधार वर्ष को बदलने की जरूरत लंबे समय से थी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि तकनीकी बदलाव, आर्थिक सुधार और लोगों की खरीदारी की आदतों में हुए बदलाव को समझा जा सके.
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन और आर्थिक गतिविधियों में नए बदलावों को बेहतर तरीके से समझने के लिए
क्योंकि तकनीकी विकास, आर्थिक सुधार और कंज्यूमर बिहेवियर में बदलाव के कारण इंडस्ट्रीज की संरचना बदल रही है
सटीक डेटा के लिए समय-समय पर IIP को नए आधार वर्ष के साथ अपडेट करना जरूरी है
GDP के लिए, सांख्यिकी मंत्रालय ने कई नए बदलाव किए हैं. इनमें छोटे और बिना रजिस्टर्ड व्यवसायों का डेटा, सर्विस सेक्टर्स का डेटा और GST डेटा का इस्तेमाल शामिल है. मंत्रालय राज्य और जिलों के हिसाब से GDP डेटा जारी करने पर भी काम कर रहा है.
महंगाई दर (CPI) के लिए, सांख्यिकी मंत्रालय ऑनलाइन शॉपिंग (e-commerce) के डेटा को भी शामिल करने की कोशिश कर रहा है, ताकि लोगों के खर्च को बेहतर तरीके से समझा जा सके. इस पर काम अभी जारी है. इसके अलावा, CPI में बिजली के बिलों का बेहतर डेटा और फ्री आइटम्स के आंकड़ों को जोड़ने जैसे बदलाव भी किए जा रहे हैं.
सांख्यिकी मंत्रालय अब राज्य और जिला स्तर पर भी GDP डेटा जारी करने की योजना बना रहा है. इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था का सही एनालिसिस हो सकेगा और राज्य सरकारों को नीतियां बनाने में मदद मिलेगी.
आदर्श रूप से, आधार वर्ष को हर तीन से पांच साल में संशोधित किया जाना चाहिए, लेकिन जैसा कि सांख्यिकी मंत्रालय के अधिकारियों ने पहले बताया था, भारत में आधार वर्ष को बदलना एक व्यापक प्रक्रिया है.