SEBI ने हाउसहोल्ड सेविंग्स के कैलकुलेशन में बड़े बदलाव के सुझाव दिया है. इस संबंध में जारी एक कंसल्टेशन पेपर में SEBI ने इन्वेस्टर कैटेगरीज, कैलकुलेशन में इस्तेमाल होने वाले मार्केट प्रोडक्ट्स और कैलकुलेशन के तरीके में बदलाव की सलाह दी है.
SEBI ने इन्वेस्टर्स को 2 कैटेगरीज में बांटने का प्रस्ताव रखा है. ये बंटवारा इनकम या इन्वेस्टमेंट साइज से परे है.
इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स
नॉन प्रॉफिट इंस्टीट्यूशंस सर्विंग हाउसहोल्ड्स (NPISHs)
अब कैलकुलेशन में प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट में इक्विटी, डेट, म्यूचुअल फंड्स, REITs, InvITs के इन्वेस्टमेंट्स को शामिल किया जाए.
ETF ट्रांजैक्शंस को सेकेंडरी मार्केट में जोड़ा जाए.
FY2024-25 से AIF इन्वेस्टमेंट डेटा को शामिल किया जाए.
नई मेथडोलॉजी में इंडिविजुअल्स और NPISHs के लिए AMFI द्वारा जारी AUM (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) डेटा का उपयोग किया जाए. इसमें इक्विटी, डेट, REITs, InvITs और AIFs समेत तमाम फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स की डिपॉजिटरी की डेटा होल्डिंग को भी शामिल किया जाना चाहिए.
इस नई मेथडोलॉजी से FY2022-23 के लिए रिसोर्स मोबिलाइजेशन 2.06 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.89 लाख करोड़ रुपये पहुंच जाएगा. ये 83,600 करोड़ रुपये का इजाफा होगा.
वहीं सेकेंडरी मार्केट इन्वेस्टमेंट समेत कुल रिसोर्स फ्लो 2.14 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3.31 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है. मतलब 1.25 लाख करोड़ रुपये का बड़ा इजाफा होगा.
जबकि FY23 के लिए नई मेथडोलॉजी से म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट्स की वैल्यू 23.68 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 24.45 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है, जो 77,431 करोड़ रुपये का इजाफा होगा.
वहीं कुल स्टॉक वैल्यू 23.68 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 83.83 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है, यानी इसमें 60.15 लाख करोड़ रुपये का जबरदस्त इजाफा होगा. इस स्टॉक वैल्यू में इक्विटी, डेट, हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट्स शामिल हैं.