नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने गुरुवार को इकोनॉमी एयरलाइन स्पाइसजेट (Spicejet) के लिए नोटिस जारी किए हैं. एयरलाइन को ये नोटिस तीन एयरक्राफ्ट लेसर्स (वो कंपनियां जो लीज पर विमान देती हैं) की ओर से दायर की गई तीन इंसोल्वेंसी (Insolvency) याचिकाओं पर दिए गए हैं. कंपनी ने कुल 77 करोड़ रुपये का डिफॉल्ट किया था.
इन लेसर्स में AWAS 36698 आयरलैंड, AWAS 36694 आयरलैंड और AWAS 36695 आयरलैंड शामिल हैं. हालांकि ये पहली बार नहीं है कि स्पाइसजेट के खिलाफ ऐसी याचिका दायर की गई है. सिर्फ 2023 में तीन एयरक्राफ्ट लेसर्स ने स्पाइसजेट के खिलाफ बकाया का भुगतान नहीं करने पर चार इंसोल्वेंसी याचिकाएं फाइल की थीं.
ये लेसर्स Celestial एविएशन सर्विसेज, एयरकासल (आयरलैंड) और विलमिंगटन ट्रस्ट SP सर्विसेज (डबलिन) थे.
इसके अलावा एक टेक्निकल सर्विसेज प्रोवाइडर ने भी एयरलाइन के खिलाफ इंसोल्वेंसी याचिका दायर की थी. हालांकि नोटिस सिर्फ एयरकासल की याचिका को लेकर जारी किया गया था.
लेसर्स की ओर से मौजूद वरिष्ठ वकील प्रमोद नायर ने तर्क दिया कि याचिका ब्रिटेन के हाईकोर्ट के फैसले और पार्टियों के बीच कॉन्ट्रैक्ट पर आधारित थी. नायर ने ट्रिब्यूनल से स्पाइसजेट को नोटिस जारी करने की अपील की थी. इसके साथ उन्होंने याचिका पर कोई एक्शन लेने को कहा था.
स्पाइसजेट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कृषनेंदु दत्ता ने याचिका को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि ये याचिका पार्टियों के बीच कॉन्ट्रैक्ट से ज्यादा विदेशी कोर्ट के फैसले पर ही सिर्फ निर्भर है. दत्ता ने तर्क दिया कि इंसोल्वेंसी याचिका सिर्फ तभी मान्य होगी अगर वो पार्टियों के बीच समझौते पर आधारित हो.
दत्ता ने इस बात पर भी जोर दिया कि लेसर्स ने फॉरेन डिक्री को करने का दरवाजा खटखटाया था. इसके जवाब में ट्रिब्यूनल ने एयरलाइन को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई 30 मई को होनी है.