Maternity Leave Policy Amendment: सरोगेसी यानी किराये की कोख के जरिए मां बनने वाली सरकारी महिला कर्मी भी 180 दिन यानी 6 महीने का मातृत्व अवकाश (Maternity Leave) ले सकती हैं.
अब तक सरोगेसी के जरिए बच्चे के जन्म की स्थिति में महिला सरकारी कर्मचारियों को मैटरनिटी लीव देने का कोई नियम नहीं था.
केंद्र सरकार ने मैटरनिटी लीव से जुड़े 50 साल पुराने नियम में संशोधन करते हुए महिला कर्मियों को 6 महीने की लीव देने का फैसला लिया है. ऐसी स्थिति में पिता भी 15 दिन का पितृत्व अवकाश (Paternity Leave) ले सकेंगे.
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने सेंट्रल सिविल सर्विस (लीव) रूल्स में संशोधित नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है. नोटिफिकेशन में बताया गया है कि सरोगेसी के मामले में, सरोगेट मां, साथ ही दो से कम बच्चों (जीवित) वाली कमीशनिंग मां को 180 दिनों का मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है, अगर दोनों में से कोई एक या फिर दोनों सरकारी कर्मचारी हैं.
कार्मिक मंत्रालय ने संशोधित नियमों में स्पष्ट किया है कि 'सरोगेट मां' का मतलब उस महिला से है, जो कमीशनिंग मां की ओर से बच्चे को जन्म देती है और इसी तरह 'कमीशनिंग पिता' का मतलब सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुए बच्चे के इच्छुक पिता से है.
नए नियमों के अनुसार, 'सरोगेसी के जरिए पैदा हुए बच्चे के मामले में, कमीशनिंग पिता, जो एक पुरुष सरकारी कर्मचारी हो और उसके दो से कम बच्चे हों तो उन्हें भी 15 दिनों का पितृत्व अवकाश दिया जा सकता है. वे बच्चे की डिलीवरी की तारीख से 6 महीने के भीतर ये छुट्टी ले सकते हैं.
सरोगेसी से जुड़े इस संशोधित नियमों को सेंट्रल सिविल सर्विस (लीव) (अमेंडमेंट) रूल, 2024 के नाम से जाना जाएगा. इसमें ये तर्क माना गया है कि बच्चे को भले ही किसी और ने जन्म दिया हो, लेकिन उसकी देखभाल के लिए महिला सरकारी कर्मी को समय चाहिए होगा. इसलिए सरोगेसी के मामले में, कमीशनिंग मां को 'बाल देखभाल' अवकाश दिया जा सकता है.