लोकसभा चुनाव के नतीजे (Lok Sabha Election Results 2024) आ चुके हैं. 240 सीटों पर जीत के साथ BJP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. 99 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है. दोनों गठबंधन की बात करें तो NDA के खाते में 292 सीटें और I.N.D.I.A. के खाते में 232 सीटें आई हैं.
NDA के पास 272 के जादुई आंकड़े से 20 सीटें ज्यादा है, लेकिन केवल BJP की बात करें तो वो बहुमत के आंकड़े से 32 सीटें दूर है. तय है कि सरकार, गठबंधन की बनानी होगी और ऐसे में TDP और JDU जैसे घटक दलों की भूमिका अहम हो जाती है.
इधर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. 16 सीटें लाने वाली पार्टी TDP के मुखिया चंद्रबाबू नायडू एक बार पहले भी BJP का साथ छोड़ चुके हैं, जबकि 12 सीटें लाने वाली पार्टी JDU के मुखिया नीतीश कुमार का पाला बदलने का रिकॉर्ड ही रहा है.
नीतीश और नायडू, दोनों ही ने NDA का साथ नहीं छोड़ने की बात कही है, लेकिन राजनीति, संभावनाओं और संकेतों पर चलती है. NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि नायडू ने BJP के सामने कुछ मांगें रखी हैं. उन्हें लोकसभा स्पीकर की कुर्सी और 5 मंत्री पद चाहिए.
वहीं नीतीश की ओर ने भी बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा और 3 मंत्रालयों की मांग रख दी है. अब आगे क्या होगा, कहा नहीं जा सकता. फ्लाइट में तेजस्वी संग तस्वीर वायरल होना और तेजस्वी का गोलमोल बयान पर भी सबकी नजर है.
यहां कुछ अहम सवाल ये हैं कि
क्या नीतीश और नायडू के बिना नरेंद्र मोदी का काम नहीं चलेगा?
क्या ये दोनों नेता सच में किंगमेकर साबित होने जा रहे हैं?
क्या दोनों साथ छोड़ दें तो BJP वाकई सरकार नहीं बना पाएगी?
आइए आंकड़ों के जरिये समझने की कोशिश करते हैं.
चंद्र बाबू नायडू की TDP अगर NDA का साथ छोड़ती है तो NDA के पास 292 में से 16 सीटें कम हो जाएंगी. यानी 276 सीटें रह जाएंगी. यानी बहुमत से 4 सीटें ज्यादा. इस स्थिति में NDA की सरकार बननी तय है. फिर नायडू अपनी 16 सीटें लेकर विपक्ष के साथ भी चले जाएं तो दिक्कत नहीं.
इस परिस्थिति में राष्ट्रपति सबसे बड़ी पार्टी BJP को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगी और 276 सीटों के साथ NDA आसानी से सरकार बना लेगी. नरेंद्र मोदी तब भी प्रधानमंत्री होंगे.
JDU ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की है और अगर नीतीश कुमार BJP का साथ छोड़ते हैं तो NDA के पास (292-12) यानी 280 सीटें रह जाएंगी. ये भी जादुई आंकड़े से 8 ज्यादा है. इस परिस्थिति में भी NDA की सरकार बननी तय है. फिर 12 सीटें लेकर वो विपक्ष में भी मिल जाएं तो कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा. इस परिस्थिति में भी BJP को ही सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने का अवसर मिलेगा.
अगर नीतीश और नायडू, दोनों ही NDA का साथ छोड़ जाएं तो क्या होगा? NDA की 292 सीटों में से TDP की 16 और JDU की 12 यानी कुल 28 सीटें कम हो जाएंगी. ऐसे में NDA का आंकड़ा 264 पर जा पहुंचेगा. इस परिस्थिति में NDA 272 के जादुई आंकड़े से 8 सीटों से दूर रह जाएगा.
एक पॉलिटिकल कैंपेनिंग फर्म के फाउंडर अमित कुमार कहते हैं कि इस परिस्थिति में भी NDA बड़ा गठबंधन रहेगा और 8 सीटों का जुगाड़ BJP, निर्दलीय विजयी उम्मीदवारों को जोड़के कर सकती है.
उन्होंने कहा, 'इस बार के चुनाव में 7 निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं. हालांकि इनमें पप्पू यादव जैसे नेता भी शामिल हैं, जो किसी हाल में BJP के साथ नहीं जाएंगे. वहीं अमृतपाल सिंह जैसे नेताओं को BJP खुद ही नहीं जोड़ना चाहेगी.'
एक अन्य विश्लेषक विनीत कुमार ने कहा, 'निर्दलीय प्रत्याशियों के अलावा BJP के पास ऐसे छोटे दलों से भी संपर्क करने का विकल्प है, जो दोनों (NDA और I.N.D.I.A.) गठबंधन में शामिल नहीं रहे और अकेले चुनाव लड़े. ऐसी पार्टियों के कुल 18 उम्मीदवार जीत कर आए हैं.'
उन्होंने कहा, 'इसके साथ ही विपक्ष के कुछ सांसदों को तोड़ना भी BJP के लिए बड़ी बात नहीं. चूंकि BJP सबसे बड़ी पार्टी है, तो सरकार बनाने का आमंत्रण इसे ही मिलेगा. BJP कौन-सी रणनीति अपनाएगी, ये परिस्थितियों पर निर्भर करता है. सरकार बनाने के बाद फ्लोर टेस्ट के दौरान पार्टी विपक्ष को चौंका सकती है.'
ये तो हो गई संभावनाओं पर बात. वास्तविकता में लौटें तो ताजा खबर ये है कि नरेंद्र मोदी ने 17वीं लोकसभा की सरकार में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राष्ट्रपति भवन जाकर द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा. NDA के संसदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी को दल का नेता चुन लिया गया है. 8 जून को नई सरकार का शपथ ग्रहण होगा.