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Modi 3.0: नितिन गडकरी फिर बने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री; पढ़ें पूरा सियासी सफर

नितिन गडकरी पहली बार 1989 में महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य बने थे. इसके बाद 1995 में वे PWD मंत्री बनाए गए.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी06:55 PM IST, 10 Jun 2024NDTV Profit हिंदी
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नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को एक बार फिर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय दिया गया है. वहीं अजय टम्टा और हर्ष मल्होत्रा मंत्रालय में राज्यमंत्री होंगे.

बीते 10 साल में नितिन गडकरी अपनी कार्यशैली के चलते मोदी सरकार के सबसे चर्चित मंत्रियों में से एक रहे हैं.

आम कार्यकर्ता के तौर पर शुरुआत

जयराम और भानुताई गडकरी के घऱ 27 मई 1957 को नितिन गडकरी का जन्म हुआ. उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से LLB और M.Com की पढ़ाई की.

गडकरी ने अपने सामाजिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ की. अपने छात्र जीवन के दौरान वे ABVP और BJYM के भी सक्रिय कार्यकर्ता रहे.

नितिन गडकरी पहली बार 1989 में महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य बने. 1995 में जब पहली बार शिवसेना-BJP की महाराष्ट्र में सरकार बनी, तो नितिन गडकरी को PWD मंत्री बनाया गया

PWD मंत्री के तौर पर मिली पहचान

PWD मंत्री के तौर पर गडकरी ने काफी आक्रामक ढंग से काम किया. मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में लगातार ओवरब्रिज बनाने के चलते गडकरी को 'फ्लाईओवर मैन' का तमगा दिया गया. Nitingadkari.com के मुताबिक 98% आबादी को ऑल वेदर रोड उपलब्ध करवाई. इसमें 13,736 रिमोट विलेज भी शामिल थे.

खास बात ये रही कि गडकरी ने अपने प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए कई तरह के इनोवेटिव आइडियाज अपनाए. उन्होंने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल को पॉपुलर किया. इसके तहत BOT (बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर) पर फोकस किया गया. पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे इस मॉडल का सबसे अच्छा उदाहरण रहा. गडकरी 1995 से 1999 के बीच इस पद पर रहे.

उनके काम को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने उनसे भारत के गांवों को कनेक्ट करने की लिए राय मांगी, जिसके जवाब में गडकरी ने सड़क निर्माण का एक ब्लूप्रिंट बनाकर दिया. बाद में इस ब्लूप्रिंट का उपयोग कर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तैयार की गई.

इस बीच महाराष्ट्र की राजनीति में गडकरी का कद बढ़ता गया और 1999 में उन्हें महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया. 2005 तक वे इस पद पर रहे. इसके बाद 2006 में उन्हें महाराष्ट्र BJP का अध्यक्ष बना दिया गया.

BJP अध्यक्ष (2010-2013)

नितिन गडकरी के राजनीतिक करियर में सबसे बड़ा उछाल 2010 में आया. राजनाथ सिंह के बाद BJP अपने नए अध्यक्ष को लेकर मंथन कर रही थी. तब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के समर्थन के समर्थन के चलते गडकरी की BJP के सबसे युवा अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी हुई. वे 2013 तक इस पद पर बरकरार रहे. उनके कार्यकाल में ही BJP 2009 की हार से उबर कर एक देशव्यापी लहर पैदा करने में कामयाब रही. ये वही दौर था, जब राष्ट्रीय स्तर पर नरेंद्र मोदी तेजी से उभर रहे थे.

मोदी मंत्रिमंडल

2014 में नितिन गडकरी नागपुर से चुनाव लड़े और पहली बार सांसद बने. ये गडकरी का ही कमाल था कि आजादी के बाद पहली बार विदर्भ क्षेत्र में NDA 10 में से 10 सीटें जीती. जबकि महाराष्ट्र में NDA 48 में से 42 सीटें जीतने में कामयाब रहा.

2014 में जब नरेंद्र मोदी की पहली बार सरकार बनी, तो नितिन गडकरी को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय दिया गया. तब से ही ये पोर्टफोलियो गडकरी के पास है. वे मोदी सरकार में किसी एक पोर्टफोलियो पर सबसे लंबे समय तक बरकरार रहने वाले मंत्री हैं. 2019 में गडकरी फिर नागपुर से चुनाव जीते और 2024 में भी उन्होंने अपना प्रदर्शन दोहराया.

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