ADVERTISEMENT

तेलंगाना में त्रिकोणात्मक संघर्ष के आसार, कर्नाटक के बाद KCR सचेत

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री K चंद्रशेखर राव ने पार्टी नेताओं की बैठक में कांग्रेस को अपना प्रतिद्वंद्वी माना है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी02:00 PM IST, 30 May 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

कर्नाटक चुनाव के बाद दक्षिण का इकलौता राज्य है तेलंगाना (Telangana) जहां 2023 में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. तेलंगाना इसलिए भी अहम है क्योंकि BJP ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा सीटें जीत कर देश को चौंकाया था. यहां तक कि KCR की बेटी को भी BJP ने लोकसभा चुनाव में हराया था. 2014 में 10% के मुकाबले BJP ने 2019 में 19.45% वोट हासिल किए थे. ऐसे में बड़ा सवाल है कि तेलंगाना में सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति (BRS) (जो पहले TRS थी) का मुकाबला BJP और कांग्रेस में किससे होने जा रहा है?

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री KCR ने पार्टी नेताओं की बैठक में कांग्रेस को अपना प्रतिद्वंद्वी माना है. मगर, राजनीति में जो बात कही जाती है उसके मायने उसी रूप में सीधे नहीं होते. KCR ने जिस तरीके से देशव्यापी स्तर पर गैर-BJP सियासत को मजबूत करने की पूरी शिद्दत से कोशिश पिछले दिनों दिखाई है उससे यही पता चलता है कि वे BJP को अपना प्रतिद्वंद्वी मानते हैं. स्पष्ट है केसीआर (KCR) कांग्रेस को प्रतिद्वंद्वी बोलते हैं और BJP को मानते हैं.

2016 में हुए हैदराबाद नगर निगम चुनाव में BJP ने AIMIM को पीछे छोड़ दिया था. 48 सीटें हासिल करते हुए BJP ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी पर चार सीटों की बढ़त ले ली थी. TRS, BJP से महज 7 सीट आगे थी. कांग्रेस चुनाव में दिखाई नहीं पड़ रही थी. इससे भी संदेश यही गया कि तेलंगाना की फिजा बदल रही है. कर्नाटक में बाद तेलंगाना दूसरा प्रदेश है जहां BJP का कमल खिलता ही नहीं दिखा, बल्कि लगातार मजबूती से जड़ें जमाता नजर आया.

कर्नाटक में BJP की हार से तेलंगाना पर फर्क?

अब कर्नाटक में BJP की हार से तेलंगाना की सियासत पर फर्क पड़ा है या नहीं, और अगर पड़ा है तो कितना पड़ा है ये जानना सबकी दिलचस्पी का विषय है. कांग्रेस सांसद और प्रदेश अध्यक्ष A रेवनाथ रेड्डी का दावा है कि तेलंगाना की जनता ने जिस तरीके से कर्नाटक में BJP को सरकार से बेदखल किया है उसी तरह तेलंगाना में TRS को सत्ता से बेदखल करेगी. कांग्रेस का मानना है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला BJP से होगा और इसलिए तेलंगाना में भी लोग राष्ट्रीय राजनीति को ध्यान में रखकर वोट करेंगे.

तेलंगाना में 119 विधानसभा सीटें हैं. इनमें 19 SC और 12 ST वर्ग के लिए सुरक्षित हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में तेलंगाना में 73.37% वोट पड़े थे. 2 करोड़ 5 लाख 99 हजार 739 लोगों ने वोट डाले थे. कुल वैध मतों की संख्या 2 करोड़ 4 लाख 70 हजार 767 थी.

TRS को 2018 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 46.87% वोट मिले थे और उसे 88 सीटें हासिल हुई थीं. TRS प्रमुख KCR ने कर्नाटक चुनाव के बाद दावा किया है कि उनकी पार्टी को 95 से 110 सीटें आ रही हैं. दरअसल ये दावा उस माहौल को शांत करने के लिए किया गया है जो कर्नाटक में BJP की हार के बाद कांग्रेस, उसे तेलंगाना की सियासत से जोड़कर बना रही थी.

2023 में बरकरार रहेगा BJP का दम?

तेलंगाना विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रही थी कांग्रेस. उसे 28.43% वोट हासिल हुए थे और उसे 19 सीटें मिली थीं. BJP ने बीते विधानसभा चुनाव में 6.98% वोट हासिल किए थे और उसे एक सीट पर जीत भी मिली थी. मगर, BJP ने लोकसभा चुनाव में कहानी ही पलट दी.

करीब 20% वोट लाकर BJP ने जता दिया कि वो तेजी से उभरती हुई ऐसी ताकत है जो सरकार बनाने का दमखम जुटा रही है. क्या BJP का वो दमखम 2023 में बरकरार रहने वाला है?

तेलंगाना में 2018 के विधानसभा चुनाव में कई अन्य पार्टियां भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही थीं. इनमें BSP 2.06%, CPI-CPM 0.84%, NCP 0.14%, AIMIM 2.71% और TDP 3.51% शामिल हैं. आम आदमी पार्टी ने भी चुनाव लड़ा था और उसे 0.06% वोट मिले थे.

चाहे लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव, TRS बाकी दलों से बहुत आगे है. लोकसभा चुनाव में TRS को 41.37% वोट मिले थे जबकि कांग्रेस को 29.27%. TRS ने सबसे ज्यादा 9 सीटें जीती थीं तो BJP ने 4 और कांग्रेस ने 3 सीटों पर कब्जा जमाया था. एक सीट AIMIM ने जीती थी.

बीजेपी ने 19.45% वोट हासिल कर सबको चौंकाया था. TRS के KCR की बेटी K कविता की हार भी हैरत भरी घटना थी. वो BJP उम्मीदवार से चुनाव हार गई थीं. BJP उम्मीदवार धर्मपुरी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद D श्रीनिवास के बेटे हैं. BJP का ST के लिए सुरक्षित सीट आदिलाबाद पर जीत जाना भी बीते लोकसभा चुनाव की बड़ी बात थी. इस सीट पर BJP के सोयम बापू राव को जीत मिली थी जो कांग्रेस छोड़कर आए थे.

त्रिकोणात्मक संघर्ष के आसार

कर्नाटक के प्रभाव से निकलकर अगर BJP ने तेलंगाना में अपनी पैठ को और मजबूत करने का प्रयास दिखया तो तेलंगाना में त्रिकोणात्मक संघर्ष दिखेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है. कांग्रेस को खुद KCR अपना प्रतिद्वंद्वी मान रहे हैं और आंकड़े भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं. कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं और कांग्रेस के नेता भी प्रदेश में अपनी सरकार का सपना देख रहे हैं. TRS के लिए ये स्थिति अनुकूल भी साबित हो सकती है अगर वे अपना वोट बैंक बहुत अधिक बिखरने ना दें. ऐसी स्थिति में BRS विरोधी वोटों के बंटने का सीधा फायदा कांग्रेस या BJP को मिलेगा. एक रोचक मुकाबले की उम्मीद तेलंगाना में की जा सकती है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT