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AI की मदद से भारत के चुनाव पर असर डालेगा चीन: माइक्रोसॉफ्ट

ताइवान में चल रहे राष्ट्रपति चुनाव के दौरान चीन ने ट्रायल रन किया, जिससे चिंतित होकर अमेरिका ने ये चेतावनी जारी की है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी07:13 PM IST, 06 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
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अमेरिका की टेक कंपनी (Microsoft) ने भारत में होने वाले चुनाव को लेकर कहा है कि चीन इस बार इसमें दखलअंदाजी कर सकता है. चीन आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (AI) कंटेंट के जरिए चुनाव को प्रभावित कर सकता है. ताइवान में चल रहे राष्ट्रपति चुनाव के दौरान चीन ने ट्रायल रन किया, जिससे चिंतित होकर अमेरिका ने ये चेतावनी जारी की है.

हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और AI को सामाजिक कामकाज, महिलाओं के विकास और हेल्थ के साथ एग्रीकल्चर में इनोवेशन के लिए इस्तेमाल करने पर बात की थी.

यूरोपियन यूनियन (EU) समेत पूरी दुनिया के 64 देशों में इस साल चुनाव होने हैं. ये सभी देश दुनिया की 49% आबादी जितने हैं.

माइक्रोसॉफ्ट की इंटेलीजेंस टीम के मुताबिक, चीन समर्थित साइबर ग्रुप, जिन्हें उत्तरी कोरिया से भी समर्थन मिला हुआ है, 2024 के चुनाव को टारगेट कर सकते हैं. माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि चीन AI जेनेरेटेड कंटेंट का इस्तेमाल कर आम जनता को अपने फायदे से जुड़े मुद्दों की तरफ आकर्षित करने में मदद करेगा.

माइक्रोसॉफ्ट ने अपने बयान में कहा, 'इस साल कई जगहों में चुनाव हो रहे हैं, खासकर से भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में. हमारा अनुमान है कि चीन AI जेनेरेटेड कंटेंट को तैयार कर अपने इस चुनाव को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करेगा'.

चुनाव पर AI का खतरा

AI से किसी भी तरह का कंटेंट तैयार किया जा सकता है. डीपफेक का इस्तेमाल कर ऐसे इवेंट के वीडियो तैयार किए जा सकते हैं, जो कभी हुए ही नहीं. ऐसे वीडियो, ऐसी तस्वीरें चुनाव में धड़ल्ले से शेयर होते हैं और चुनाव का रुख किसी भी दिशा में जा सकता है.

फिलहाल, AI जेनेरेटेड कंटेंट पर असर कम है, लेकिन जिस तरह से चीन अपने एक्सपेरिमेंट को बढ़ा रहा है, आने वाले वक्त में इस टेक्नोलॉजी में वो महारत हासिल कर सकता है. चीन ने ताइवान में होने वाले चुनाव में AI जेनेरेटेड कंटेंट का इस्तेमाल किया था.

माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि ताइवान के चुनाव में बीजिंग समर्थित ग्रुप स्टॉर्म 1376 या स्पैमोफ्लॉज काफी सक्रिय था. इस ग्रुप ने AI जेनेरेटेड तस्वीरें जारी कीं, जिसमें फेक ऑडियो प्रचार और मीम शामिल थे. इसके जरिए चुनाव उम्मीदवार और वोटर के विचार को बदलने की कोशिश की गई.

AI जेनेरेटेड TV न्यूज एंकर का इस्तेमाल ईरान की ओर से किया गया था.

माइक्रोसॉफ्ट ने बताया, 'स्टॉर्म 1376 ने AI की मदद से ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विलियम लाइ के मीम की सीरीज को प्रोमोट किया. इसमें AI जेनेरेटेड TV न्यूज एंकर का भी इस्तेमाल किया गया था'.

अमेरिकी चुनाव में AI का असर

माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि अमेरिका में होने वाले चुनाव को भी चीनी ग्रुप प्रभावित कर रहा है. ये लोगों को लड़ाने वाले सवाल उठाने और भौगोलिक रूप से प्रमुख जगहों पर मतदाताओं से जुड़ी खूफिया जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा है.

माइक्रोसॉफ्ट ने बताया, 'चीनी AI जेनेरेटेड कंटेंट का असर बीते कुछ महीने में तेजी से बढ़ा है. इसमें लोगों को इंफ्लुएंस करने, लोगों को बांटने की घटनाएं बीते कुछ समय में तेजी से बढ़ी हैं. इसमें नवंबर 2023 में केंटुकी में रेल का पलटना, अगस्त 2023 में माउई में आग, जापानी न्यूक्लियर वेस्टवॉटर का डिस्पोजल, ड्रग्स का इस्तेमाल, अप्रवासन की पॉलिसी और रंग आधारित भेदभाव की घटनाएं शामिल हैं. ये इस बात के सबूत हैं कि लोगों का मत बनाने में किए गए काम काफी सफल रहे हैं'.

ऐसा नहीं है कि अमेरिका चुनाव में AI का इस्तेमला पहली बार हो रहा है. 2024 न्यू हैमिस्फीयर डेमोक्रेटिक प्राइमरी में, AI जेनेरेटेड कंटेंट तैयार किया गया जिसमें राष्ट्रपति जो बाइडेन की आवाज, वोटर्स को चुनाव में हिस्सा न लेने की अपील कर रही थी.

कोई आम आदमी इसे सुनकर महसूस कर सकता था कि बाइडेन ने खुद ही ये निर्देश दिए हैं.

इसमें चीन के होने का कोई सबूत नहीं है, लेकिन इस तरह की कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें AI ने समाज को प्रभावित किया है.

भारत में चुनाव

19 अप्रैल को भारत में चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो जाएगी. 4 जून को नतीजे भी आ जाएंगे. 7 चरण में होने वाले चुनाव में 19 अप्रैल को पहला चरण की वोटिंग होगी. इसी तरह 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई और 25 मई को दूसरे से सातवें चरण की वोटिंग होगी.

17वीं लोक सभा एसेंबली 16 जून को स्थगित हो जाएगी.

भारतीय चुनाव आयोग ने इसके लिए गाइडलाइंस और प्रोटोकॉल दे दिए हैं, जिसमें किसी भी तरह की फर्जी जानकारी और गलत तथ्य को प्रतिक्रिया देने का निर्देश दिया गया है.

बीते महीने ही, ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI के प्रतिनिधियों ने, ICI के साथ मीटिंग की थी और प्रेजेंटेशन के माध्यम से कमीशन के सदस्यों को AI के हानिकारक इस्तेमाल को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा की थी.

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