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France Elections 2024: फ्रांस में फंस गया पेच! लेफ्ट-राइट को स्‍पष्‍ट बहुमत नहीं, मध्‍यमार्गी मैक्रों भी मुश्किल में?

Hunga Assembly Chances in France: स्‍पष्‍ट बहुमत नहीं मिलने की संभावना पर यूरो और फ्रेंच बॉन्ड वायदा में गिरावट देखी गई है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी09:05 AM IST, 08 Jul 2024NDTV Profit हिंदी
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France Elections 2024: फ्रांस में हुए संसदीय चुनाव के बाद किसी भी पार्टी को स्‍पष्‍ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. वामपंथी गठबंधन अप्रत्याशित रूप से दक्षिणपंथी गठबंधन को पीछे छोड़ते हुए बढ़त हासिल करता दिख रहा है. ऐसे में फ्रांस त्रिशंकु संसद की ओर बढ़ता दिख रहा है, जिसका सीधा मतलब राजनीतिक अस्थिरता से है.

ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस के प्रधानमंत्री गेब्रियल अटाल ने घोषणा की है कि वो सोमवार को मैक्रों को अपना इस्तीफा सौंपेंगे, जिससे नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी. स्‍पष्‍ट बहुमत नहीं मिलने की संभावना पर यूरो और फ्रेंच बॉन्ड वायदा में गिरावट देखी गई है.

क्‍याें मुश्किल है सरकार बनाना?

  • 557 सीटों वाले फ्रांस के निचले सदन में किसी भी पार्टी को स्‍पष्‍ट बहुमत के लिए कम से कम 289 सीटें जरूरी हैं.

  • आंतरिक मंत्रालय के संकलित आंकड़ों के अनुसार, न्‍यू पॉपुलर फ्रंट (जिसमें समाजवादी और वामपंथी फ्रांस अनबोड़ शामिल हैं) ने नेशनल असेंबली में 178 सीटें जीतने का अनुमान है.

  • राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) की पार्टी ने 156 सीटें हासिल की हैं, जबकि मरीन ले पेन की नेशनल रैली (अति दक्षिणपंथी पार्टी) 143 सीटों के साथ तीसरे स्‍थान पर रही.

  • हालांकि ये अंतिम परिणाम नहीं हैं, लेकिन ये तय है कि कोई भी पार्टी बहुमत के करीब नहीं है. छोटे दलों या निर्दलीय कैंडिडेट्स के साथ गठबंधन के बावजूद भी जादुई आंकड़े तक पहुंचना नामुमकिन है.

  • ऐसे में ये स्‍पष्‍ट नहीं है कि फ्रांस, जहां गठबंधन सरकार की परंपरा नहीं है, वहां कैसे एक मजबूत सरकार बन पाएगी जो कोई भी बिल, कानून वगैरह पारित कराने में सक्षम हो.

फ्रांस के सामने दो विकल्‍प, लेकिन...

राष्‍ट्रपति मैक्रों, अगले प्रधानमंत्री के नाम पर कोई और निर्णय लेने से पहले नेशनल असेंबली के नए स्वरूप का इंतजार करेंगे. फ्रांस के सामने अब दो विकल्प होंगे, जो कि फ्रांस के इतिहास में पहले कभी नहीं दिखे हैं.

  • मैक्रों हमेशा एक जैसी सोच रखने वाली पार्टियों के बीच गठबंधन बनाने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए न्यू पॉपुलर फ्रंट को अलग होकर राष्ट्रपति के पीछे अपने कट्टरपंथी एजेंडे और उसूलों के बिना फिर से संगठित होना होगा.

  • वामपंथी नेता जीन-ल्यूक मेलेंचन ने मैक्रों से वामपंथी न्यू पापुलर फ्रंट गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का आग्रह किया है.

  • वहीं दूसरे विकल्‍प के तौर पर मैक्रों, एक टेक्‍नोक्रेटिक एडमिनिस्‍ट्रेशन भी नामित कर सकते हैं, जो राजनीतिक उथल-पुथल के दौर को पाट सके.

समाधान के तौर पर इन दोनों ही विकल्‍पों का मतलब संभवतः एक कमजोर सरकार होगी, जिसे कोई भी सार्थक बिल या कानून पारित करने में परेशानी होगी और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसका प्रभाव भी कम होगा.

1 साल तक नहीं हो सकते चुनाव

फ्रांस के वामपंथी नेता राफेल ग्लक्समैन ने कहा कि ऐसी संसद जिसमें किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न हो, वहां संवाद के लिए खुलापन आवश्यक है. वहीं मैक्रों के कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति कोई भी निर्णय लेने से पहले नई नेशनल असेंबली के गठन तक प्रतीक्षा करेंगे. मैक्रों और उनके सत्तारूढ़ गठबंधन को महंगाई, आव्रजन और सुरक्षा के मुद्दे पर मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा है.

मुश्किल ये है कि फ्रांस के संविधान के अनुसार, एक वर्ष तक नया संसदीय चुनाव नहीं हो सकता इसलिए अगर किसी गठबंधन को बहुमत नहीं मिलता तो एक साल तक अस्थिरता के हालात बने रहेंगे.

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