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Xi Jinping पहुंचे अमेरिका; बाइडेन से करेंगे मुलाकात, क्यों 'विरोधी देश' के दरवाजे पर खड़ा है चीन?

6 साल में जिनपिंग की ये पहली अमेरिका यात्रा है, इससे पहले वे डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल में 2017 में अमेरिका गए थे.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:00 PM IST, 15 Nov 2023NDTV Profit हिंदी
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) अपनी अमेरिका यात्रा के तहत सैन फ्रांसिस्को (San Francisco) पहुंच चुके हैं. बुधवार (भारतीय समयानुसार) को उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से होगी.

APEC समिट में हिस्सा लेने के लिए कैलिफोर्निया पहुंचे जिनपिंग की 6 साल में ये पहली अमेरिकी यात्रा है. पिछली बार वे डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल में 2017 में अमेरिका आए थे.

एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग सम्मेलन (APEC) में 21 देश हिस्सा ले रहे हैं. ये देश दुनिया की अर्थव्यवस्था में 60% हिस्सेदारी रखते हैं. ये समिट कैलिफोर्निया के सॉन फ्रांसिस्को शहर में हो रही है.

न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, जिनपिंग के साथ उनके चीफ ऑफ स्टाफ काय की और विदेश मंत्री वांग यी भी मौजूद हैं. अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी जैनेट येलेन ने चाइनीज डेलीगेशन का अमेरिका में स्वागत किया.

क्यों विरोधी देश के दरवाजे पर खड़ा है चीन

दरअसल चीन की भारी-भरकम अर्थव्यवस्था में इन दिनों मंदी आ रही है. आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए जिनपिंग APEC समिट में अगले कुछ दिनों में कई राजनयिकों और कई कंपनियों के CEOs से मुलाकात करेंगे. चीन को अमेरिका से भी काफी उम्मीदे हैं.

इस विजिट को सफल बनाने के लिए हाल के दिनों में चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी ने अमेरिका को रिझाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसमें 3 मिलियन टन अमेरिकी सोयाबीन की खरीद भी शामिल है.

गरम-नरम रिश्ते

बैलून इंसीडेंट से बदतर हो गए थे संबंध

वैसे तो दुनिया में अपना दबदबा बढ़ाने के चलते चीन और अमेरिका में लगातार तनातनी बढ़ रही है. बीते सालों में कई मुद्दों पर दोनों देश आमने-सामने रहे हैं.

लेकिन नवंबर 2022 में शी और बाइडेन के बीच बाली में हुई मुलाकात के बाद आपसी संबंध पटरी पर आते नजर आ रहे थे. अमेरिकी स्टेट सेक्रेटरी एंटनी ब्लिंकन भी चीन के दौरे के तैयारी कर रहे थे.

लेकिन इसके बाद स्पाई बैलून इंसीडेंट के चलते संबंध वापस ठंडे पड़ गए. इस घटना में अमेरिका ने अपनी वायुसीमा में उड़ रहे एक चाइनीज बैलून को गिरा दिया था. अमेरिका ने इसे चीन का स्पाई बैलून करार दिया था.

ब्लिंकन की यात्रा ने दिखाई राह

लेकिन इसके बाद कई हाई लेवल डिप्लोमैटिक मीटिंग हुई, जिसके बाद जून में ब्लिंकन ने चीन की यात्रा की. इससे दोनों देशों में संबंधों को बेहतर करने की झलक दिखाई दी.

लेकिन चीन लगातार कहता रहा है कि ताइवान और साउथ चाइन सी में अपने विस्तार की नीतियों पर किसी तरह का दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

इस बीच ट्रेड और इकोनॉमिक रिलेशंस के साथ-साथ क्लामेट चेंज को लेकर बातचीत को भी दोनों देशों ने आगे बढ़ाया.

विरोधियों और समर्थकों का लगा जमावड़ा

अमेरिका में रह रहे चीनी मूल के लोगों की एक बड़ी संख्या डॉउनटॉउन होटल के बाहर इकट्ठी हो गई, जहां चाइनीज राष्ट्रपति को ठहरना है.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें जिनपिंग और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के समर्थक और विरोधी दोनों ही मौजूद थे. इस दौरान दोनों ही तरफ से नारेबाजी और देशभक्ति गानों का सिलसिला जारी रहा.

विरोध करने वाले लोगों में शिनजियांग, हॉन्ग कॉन्ग और तिब्बत में चीन के कथित मानवाधिकार उल्लंघनों का विरोध करने वाले लोग शामिल हैं.

इससे पहले मंगलवार को मॉस्कोने सेंटर के ऊपर एक प्लेन एक बैनर के साथ नजर आया था. बैनर में चीन का विरोध करते हुए लिखा गया था, 'End CCP, Free China, Free HK, Free Tibet, Free Uyghur'. मॉस्कोने सेंटर में APEC की बैठकें होनी हैं.

इस बीच चीन ये दिखाने की पूरी कोशिश कर रहा है कि जिनपिंग का अमेरिका में गर्मजोशी से स्वागत हुआ है. इसके लिए बड़ी संख्या में अमेरिका के वीजा जारी किए गए हैं. साथ ही पूरे अमेरिका में रहने वाले चाइनीज मूल के लोगों को सॉन फ्रांसिस्को एयरपोर्ट स्वागत के लिए लाया गया है.

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