ऑटो इंडस्ट्री को देश की अर्थव्यवस्था की नब्ज माना जाता है, इसलिए जरूरी है कि ऑटो इंडस्ट्री की रफ्तार को बनाए रखा जाए और संभव हो तो बढ़ाया भी जाए. इसमें कोई शक नहीं कि सरकार की प्राथमिकताओं में ऑटो इंडस्ट्री हमेशा रही है. वक्त और टेक्नोलॉजी बदलने के साथ अब जमाना इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का है.
ऑटो इंडस्ट्री की बजट से उम्मीदें
सरकार ने भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रोमोट करने के लिए FAME स्कीम को लॉन्च किया था, जिसने देश की इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को हर तरह से सपोर्ट किया. यही वजह है कि देश की ऑटो इंडस्ट्री की आने वाले बजट से उम्मीदें और बढ़ गई हैं.
देश की ऑटो इंडस्ट्री चाहती है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ऑटो सेक्टर के लिए और इंसेंटिव्स दें, खासतौर पर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को मोदी 3.0 का बजट पेश करेंगी.
FAME-III को लाया जाए
ऑटो इंडस्ट्री की वित्त मंत्री से मांग है कि FAME-III (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles.) सब्सिडी स्कीम को शुरू किया जाए, जिससे देश की इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री, जो इस वक्त थोड़ी ठंडी पड़ी हुई है, उसमें नई जान डाली जा सके.
SIAM यानी सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के प्रेसिडेंट विनोद अग्रवाल ने शुक्रवार को नई दिल्ली में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकार फिस्कल पॉलिसी को बनाए रखते हुए कैपेक्स पर अपना ध्यान केंद्रित रखेगी.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए कोई भी बजटीय प्रोत्साहन ऑटो सेक्टर के लिए भी फायदेमंद होगा.' उन्होंने कहा कि उम्मीद करते हैं कि सरकार व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी पर और ज्यादा काम करेगी'.
सरकार ने 1 अप्रैल, 2019 से FAME-II को लागू किया था, जिसके तहत 3 साल के लिए 10,000 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था.हालांकि बाद में इसे बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये कर दिया गया.
ये स्कीम 31 मार्च, 2024 तक बेची गई इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर, 3-व्हीलर्स और कारों पर लागू थी. साल 2024 के अपने अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकार मैन्युफैक्चरिंग चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को सपोर्ट करेगी और ई-व्हीकल के इकोसिस्टम का विस्तार करेगी.
डेप्रिसिएशन क्लेम बेनेफिट लागू करें
दूसरी तरफ ऑटो डीलर लॉबी की भी बजट से अपनी उम्मीदें हैं. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने सरकार से ऑटोमोटिव इंडस्ट्री और इकोनॉमी को प्रोत्साहित देने के लिए बजट में कुछ चीजों पर फोकस करने की मांग की है.
FADA के प्रेसिडेंट मनीष राज सिंघानिया का कहना है कि सबसे पहले, हम वित्त मंत्री से अपील करते हैं कि वो इनकम टैक्सपेयर्स लिए गाड़ियों के डेप्रिसिएशन क्लेम बेनेफिट लेकर आएं.ऐसा करने से ने केवल इनकम टैक्स फाइल करने वालों की संख्या बढ़ेगी बल्कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में डिमांड भी बढ़ेगी.
FADA की वित्त मंत्री से मांग है कि लिमिटेड लायबिलिटी पार्नटरसिप (LLP), प्रॉपरायटरी एंड पार्टनरशिप फर्म्स के लिए कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती की भी मांग कर रहा है.
जबकि सरकार ने पहले ही 400 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को घटाकर 25% कर दिया है, LLP, प्रॉपरायटरी एंड पार्टनरशिप फर्म्स को ये फायदा देना जरूरी है, क्योंकि ऑटो डीलरशिप कम्युनिटी के ज्यादातर ट्रेडर्स इसी कैटेगरी में आते हैं.