यूरोपियन यूनियन के सदस्य देश स्वीडन ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ एक ऐसे 'फ्री ट्रेड एग्रीमेंट' (FTA) की दिशा में काम करना चाहिए जो टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाओं पर फोकस करता हो. इस पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि ये विषय भारत के एजेंडे में है.
स्वीडन के विदेश व्यापार मंत्री बेंजामिन दोउसा ने स्टॉकहोम में एक कार्यक्रम में कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (EU) दोनों ही क्षेत्र वर्तमान में 'थोड़ा ज्यादा रेगुलेटेड' हैं, इसलिए टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाएं माल के सुचारू सीमापार प्रवाह के लिए महत्वपूर्ण हैं.
दोउसा ने भारत और स्वीडन के व्यापारिक दिग्गजों को संबोधित करते हुए कहा कि यूरोपीय संघ और भारत को प्रस्तावित FTA के लागू होने से काफी लाभ होगा.
उन्होंने कहा, 'यूरोपीय संघ और भारत दोनों के लिए सबसे अच्छा एक ऐसा FTA होगा जो न केवल शुल्क के बारे में हो बल्कि उसमें गैर-शुल्क बाधाएं भी शामिल हों. मुझे लगता है कि यूरोपीय संघ और भारत दोनों ही क्षेत्रों में हम अभी थोड़े अधिक विनियमित हैं.’’
उन्होंने कहा कि अगर भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करना जारी रख सकता है तो वो एक विश्वसनीय विनिर्माण केंद्र बन सकता है.
उन्होंने ये भी कहा कि स्वीडन भारत को अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में मैन्युफैक्चरिंग का हिस्सा बढ़ाने में मदद कर सकता है.
इस अवसर पर दोउसा ने कहा कि स्वीडन की दिग्गज फर्नीचर विक्रेता कंपनी आइकिया भारत से अपनी सोर्सिंग को मौजूदा 30% से बढ़ाकर 50% करने की योजना बना रही है.
आइकिया(IKIA) फिलहाल भारत से कपड़ा, प्लास्टिक और धातु जैसे उत्पाद खरीदती है और उसकी भविष्य में और भी उत्पाद जोड़ने की मंशा है. फिलहाल यूरोप आइकिया के उत्पादों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है.
गोयल बोले- नॉन टैरिफ बाधाएं भी एजेंडे में
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस कार्यक्रम में कहा कि भारत और 27 यूरोपीय देशों के समूह के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते में गैर-शुल्क बाधाएं भी चर्चा का हिस्सा हैं.
वो स्वीडन के साथ व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा के लिए दो-दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं.
गोयल ने कहा कि भारत में निवेश के माहौल को बेहतर बनाने के लिए सरकार बुनियादी ढांचे में सालाना करीब 125 बिलियन डॉलर का निवेश करने जैसे कई कदम उठा रही है. गोयल ने कहा, 'हम इस समय ग्रोथ के एक पॉजिटिव सर्कल से गुजर रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि भारत स्वीडिश फर्मों के लिए निवेश के बड़े अवसर प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि भारत में 280 स्वीडिश कंपनियों की मौजूदगी है.