Budget 2024: PM किसान सम्‍मान की राशि, डिमांड बेस्‍ड खेती और वेलफेयर स्‍कीम्‍स पर किसानों के लिए हो सकते हैं ये बड़े ऐलान

एग्री एक्‍सपर्ट ने कहा, 'फिलहाल एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट 55 बिलियन डॉलर के आसपास है. सरकार को इसे बढ़ाने के प्रयास बजट में करने होंगे.'

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Budget 2024 Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को देश का आम बजट पेश करने वाली हैं. ये मोदी 3.0 का पहला बजट होगा और इसलिए देश के अन्नदाता भी इस ओर उम्‍मीद भरी नजरों से देख रहे हैं. किसानों के लिए वैसे तो सरकार कई योजनाएं चला रही हैं, लेकिन कुछ योजनाओं में बड़े सुधार की जरूरत महसूस की जा रही है.

वहीं, मांग आधारित कृषि पर जोर देने की जरूरत भी बढ़ी है. समय-समय पर बढ़ाई जाने वाली MSP और पेंशन स्‍कीम्‍स पर भी देश के किसान टकटकी लगाए बैठे हैं. चूंकि मोदी सरकार, शुरू से ही एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर पर विशेष फोकस रखती आ रही है, ऐसे में देखना होगा कि इस बार बजट के पिटारे से किसानों के लिए क्‍या कुछ सामने आता है.

एग्री पर विशेष ध्‍यान देना होगा

कृषि विशेषज्ञ और एक एग्री-टेक स्‍टार्टअप के फाउंडर अंकित जैन ने NDTV Profit हिंदी से बातचीत में कहा कि वित्त वर्ष 2024 में देश के एग्री सेक्‍टर की ग्रोथ 7 साल के निचले स्तर 1.8% पर आ गई थी, जो कि इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ रेट 8.2% से काफी पीछे है. अन्य सेक्टर तो तेजी से आगे जा रहे हैं लेकिन एग्रीकल्‍चर पर विशेष ध्‍यान देने की जरूरत है.

उन्‍होंने कहा, 'फिलहाल एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट 55 बिलियन डॉलर के आसपास है. सरकार को इसे बढ़ाने के प्रयास बजट में करने होंगे.'

मांग आधारित खेती पर जोर

कृषि आधारित अर्थव्‍यवस्‍था होने के बावजूद देश की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है. दालों का आयात करना पड़ रहा है. किसान कुछ फसलों पर निर्भर हैं. अगर सरकार खेती को मांग से जोड़े तो किसानों की आय डबल करने का लक्ष्‍य दूर नहीं. कृषि मंत्री ने पिछले दिनों घोषणा भी की है कि सरकार पूरी मूंग दाल MSP पर खरीदेगी. ऐसे ही खेतों के अलग-अलग तरीकों पर भी सरकार को जोर देना होगा.

जैन के अनुसार, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना जैसी योजनाएं इसमें फायदेमंद साबित हो सकती हैं. वहीं, डेयरी फार्मिंग को भी बढ़ावा देना जरूरी है. ऐसी योजनाओं के लिए बजट से विशेष समर्थन की उम्मीद की जा रही है.

बढ़ सकती है PM किसान सम्‍मान की राशि

किसानों को PM किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) की राशि बढ़ने की उम्‍मीद है. इसके तहत उन्‍हें सालाना 6,000 रुपये मिलते हैं, जो कि उन्‍हें 3 किस्‍तों में दिए जाते हैं. अभी पिछले महीने ही सरकार ने 17वीं किस्त जारी की थी. अब किसान योजना की किस्त की राशि में रिवीजन का इंतजार कर रहे हैं. पहले भी इस पर चर्चा होती रही है कि इस राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये किया जा सकता है.

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बीते अप्रैल में हुई एक चर्चा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इशारा किया था कि एग्रीकल्चर सेक्टर पर, PM किसान योजना पर सरकार का ज्यादा फोकस है. इस योजना का दायरा बढ़ाए जाने को लेकर उन्होंने कहा था कि छोटे किसानों को भी इस योजना में शामिल किया जाना चाहिए. हालांकि, राशि बढ़ाने की बात उन्‍होंने नहीं की थी.

योजनाओं में सुधार की उम्‍मीद

इस बजट से कुछ सुधारों की भी उम्‍मीद की जा रही है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) का दायरा बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड को भी मजबूत करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है.

वहीं, MSP (Minimum Support Price) को न्यूनतम मजदूरी के जैसा बनाए जाने की उम्मीद की जा रही है. इससे किसानों को उनकी लागत और मिलने वाले मूल्य की स्पष्ट जानकारी होगी. कहा जा रहा है कि इससे किसानों को न्यूनतम आय की गारंटी मिलेगी और बाजार में भाव के उतार-चढ़ाव का जोखिम भी कम होगा.

खेती में टेक्‍नोलॉजी के इस्‍तेमाल के लिए प्रतिबद्ध दिखती सरकार से इस ओर भी कुछ घोषणाओं की उम्‍मीद रहेगी. खेती में ड्रोन के इस्‍तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कुछ और सब्सिडी या अन्‍य ऐलान किए जा सकते हैं.

क्‍या पेंशन योजना का दायरा बढ़ेगा?

किसानों को पेंशन स्‍कीम की भी उम्मीद है. फिलहाल दो एकड़ से कम भूमि वाले किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना (Pradhan Mantri Kisan Man Dhan Yojana) चलाई जा रही है, जिसमें 3,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है. बजट में किसानों को अटल पेंशन योजना से जोड़कर लाभ पहुंचाया जा सकता है. साथ ही अधिकतम पेंशन 10,000 रुपये तक भी पहुंचाई जा सकती है.

और क्‍या हैं उम्‍मीदें?

किसानों को खाद और उर्वरक महंगा न पड़े, इसके लिए सरकार सब्सिडी देती आ रही है. PM मोदी अपने भाषणों में कई बार इसका जिक्र कर चुके हैं कि दुनिया के दूसरे देशों में किसान महंगा उर्वरक खरीदते हैं, जबकि देश में उन्‍हें बेहद कम कीमतों पर उपलब्‍ध कराया जाता है. बता दें कि फिलहाल किसानों के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी GDP का 0.50% है. जानकारों का कहना है कि नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ाए जाने की जरूरत है. इसके लिए अतिरिक्त बजट आवंटन की आवश्यकता होगी.

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